दिसंबर में देर से बुवाई के बावजूद उगाएं ये सरसों की बेहतरीन किस्म, भर जाएगा गोदाम। अगर आपने अब तक सरसों की बुवाई नहीं की है, तो अब भी कर सकते हैं। इस लेख के जरिए जानें सरसों की ऐसी किस्म के बारे में, जिसे उगाकर आपको कई गुना मुनाफा होगा।
उगाएं सरसों की ये खास किस्म
आज हम आपको सरसों की पुसा क्रांति किस्म के बारे में बता रहे हैं, जिसे आप आसानी से उगा सकते हैं। यह किस्म बेहद फायदेमंद साबित होती है। इसके बीजों से निकाले गए तेल की उपज क्षमता भी काफी अधिक होती है। इस किस्म की खेती में ज्यादा समय और मेहनत भी नहीं लगती। बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है, जिससे आप इसकी खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
पुसा क्रांति सरसों की खेती कैसे करें?
पुसा क्रांति सरसों की खेती के लिए कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है। इसे बुवाई के लिए देसी हल, सरिता या सीड ड्रिल का उपयोग करें। बुवाई करते समय पंक्तियों के बीच 30 सेंटीमीटर और पौधों के बीच 10-12 सेंटीमीटर की दूरी रखें। बीजों को 2-3 सेंटीमीटर से अधिक गहराई में न बोएं। खेती में गोबर की खाद का इस्तेमाल जरूर करें। बुवाई के बाद पुसा क्रांति की फसल लगभग 125-130 दिनों में तैयार हो जाती है।
कितना होगा उत्पादन?
अगर आप पुसा क्रांति सरसों की खेती करते हैं, तो आपको बेहतरीन उत्पादन के साथ अच्छा मुनाफा भी मिलेगा। इस किस्म की खेती से प्रति एकड़ लगभग 25-27 क्विंटल उपज होती है। इसमें तेल की मात्रा 40% से अधिक होती है। यह किस्म डाउनी मिल्ड्यू और सफेद रस्ट जैसी बीमारियों के प्रति अधिक प्रतिरोधक है। इसलिए, अगर आप सरसों की खेती करना चाहते हैं, तो पुसा क्रांति किस्म को जरूर अपनाएं।