यहाँ जाने पालन की पूरी प्रक्रिया
Fish Farming – भारत में, किसान नहीं सिर्फ पशुपालन बल्कि बड़े पैम्बर में मछली पालन भी करते हैं। कई राज्यों में सरकारें मछली पालन के लिए किसानों को सब्सिडी प्रदान करती हैं। हालांकि, बहुत से किसान सब्सिडी से तालाब बनवाने के बाद यह निर्णय नहीं ले पाते कि वे किस प्रजाति की मछली का पालन करें। ताकि वे कम समय और कम लागत में अधिक से अधिक कमाई कर सकें। अगर आप मछली पालन की योजना बना रहे हैं और मछली की प्रजाति का चयन करने में समस्या महसूस कर रहे हैं, तो आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। आज हम एक ऐसी मछली की प्रजाति की चर्चा करेंगे, जिसका पालन करने से आपको बंपर कमाई हो सकती है।
- ये खबर भी पढ़िए : – Goat Farming- यह है बकरियों की वह नस्ल जो भारत में सबके अधिक,देती है मुनाफ़ा जाने क्या है खास
काफी लोकप्रिय है ये मछली | Fish Farming
दरअसल, हम जिस मछली के बारे में बात कर रहे हैं, उसका नाम कतला है। यह नॉनवेजिटेरियन लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है और इसका स्वाद भी खाने में बहुत अच्छा होता है। कहा जाता है कि कतला मछली बहुत तेजी से बढ़ता है, और बांग्लादेश में किसान इसे सबसे अधिक पालते हैं। इसे भारत के कई राज्यों में भाकुरा के नाम से भी जाना जाता है। इसमें प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है और किसान इसे गहरे टैंक के अंदर भी पाल सकते हैं। प्राकृतिक रूप से, कतला मछली धान के खेतों में पाई जाती है और इसका वजन एक साल में 1.5 किलो से भी अधिक हो जाता है।
6 से 8 महीनो में हो जाती है तैयार
कतला मछली के लिए 25 से 32 डिग्री का तापमान उपयुक्त माना जाता है। यदि आप इच्छा करते हैं, तो आप इसकी पालना घर के अंदर भी शुरू कर सकते हैं, क्योंकि यह मछली मीठे और साफ पानी में रहना पसंद करती है। आपको बाजार में कतला मछली के बीज आसानी से मिल सकते हैं। मछली पालना शुरू करने पर 6 से 8 महीने में यह तैयार हो जाती है और इसके स्वाद की बजह से इसकी डिमांड मार्केट में हमेशा बनी रहती है।
सालाना कर सकते हैं लाखों की कमाई | Fish Farming
कतला मछली आमतौर पर पानी के ऊपर आकर खाना खाती है और ज्यादातर कीड़े-मकोड़ों को पसंद करती है। इसलिए, किसान कतला मछली के तालाब में उसी तरह के दाने डालते हैं, जो पानी में डूबे नहीं। मछली का वजन लगभग 500 ग्राम हो जाने पर आप तालाब में जाल डाल सकते हैं। वर्तमान में, इसकी कीमत 140 से 160 रुपये किलो के बीच है। एक एकड़ के तालाब में इसका पालन शुरू करने से, साल में लाखों रुपये की कमाई की जा सकती है।
Source – Internet
- ये खबर भी पढ़िए : – POULTRY FARMING – वनराजा नस्ल की मुर्गी के पालन से दो गुना होगा मुनाफा