यहाँ जानिए आखिर क्या है इस नस्ल की खासियत
POULTRY FARMING – भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में अब दिन-प्रतिदिन मुर्गी पालन की प्रचलन बढ़ती जा रही है। इसकी मुख्य वजह है देश और विदेशी बाजारों में अंडे और मुर्गी के मांस की बढ़ती मांग। किसान इस व्यवसाय में उचित लागत पर अधिक लाभ कमा सकते हैं, और इसलिए केंद्र और राज्य सरकारें विभिन्न योजनाओं से मदद कर रही हैं।
आगे बढ़कर, मुर्गी पालन के लिए गुणवत्ता और पौष्टिकता से भरपूर मुर्गियों की विकास भी की जा रही है। हम इस प्रकार की विशेष ब्रीड की चर्चा कर रहे हैं, जो किसानों में प्रसिद्ध है। इस देसी ब्रीड के मुर्गी पालन से किसान अधिक लाभ उठा सकते हैं, क्योंकि इसका अंडा और मांस अन्य ब्रीड की तुलना में अधिक पौष्टिक माना जाता है।
घर में कर सकते हैं मुर्गी पालन | POULTRY FARMING
किसान अपने घर के छोटे खेतों या बैकयार्ड में देसी मुर्गी का पालन बड़ी सरलता से कर सकते हैं। इन देसी मुर्गियों का मांस और अंडा ब्रॉयलर मुर्गियों से अधिक पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है, इसलिए इसकी मांस और अंडे अधिक मूल्यवान होते हैं। इस उच्च मांग को ध्यान में रखते हुए, पोल्ट्री अनुसंधान निदेशालय (डीपीआर) हैदराबाद ने विशेष क्रॉस ब्रीड जैसी “वनराजा” मुर्गी की तैयारी की है।
यह ब्रीड उन सभी किसानों और युवाओं के लिए उपयुक्त हो सकती है जो इस क्षेत्र में उत्साहित हैं और मुर्गी पालन से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं।
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इस नस्ल के पालन से होगा अच्छा मुनाफा
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वनराजा मुर्गी नस्ल एक विशेष उद्देश्य सील देसी मुर्गी प्रकार है। इस ब्रीड का विकास पोल्ट्री अनुसंधान निदेशालय (डीपीआर), हैदराबाद ने किया है। वनराजा मुर्गी भारत में विशेष रूप से लोकप्रिय देसी मुर्गी के रूप में मानी जाती है। इसकी स्वास्थ्य से सम्बंधित रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्कृष्ट होती है, जिससे इसका ग्रामीण क्षेत्रों में पालना सरल हो जाता है।
वनराजा मुर्गी की अंडे और मांस की डिमांड बढ़ती जा रही है क्योंकि इसके अंडे विशेष रूप से पौष्टिक हैं और महंगे दामों पर बिकते हैं। इस ब्रीड को पालकर किसान अच्छी आय कमा सकते हैं, क्योंकि यह अपनी अंडे देने की प्रक्रिया पांच महीने के भीतर शुरू कर देती है। इसके अंडे का रंग और देसी मुर्गी के अंडे से समान होता है। गाँवों में, 500 वनराजा मुर्गी के पालन से लोग लाखों रुपए तक की आसानी से कमाई कर सकते हैं।
वनराजा मुर्गी की खासियत | POULTRY FARMING
वनराजा ब्रीड मुर्गी एक आकर्षक और सुंदर रंग की है। इस ब्रीड की मुर्गियों में अधिक रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है। इसका मांस अधिक चर्बीमुक्त होता है और बहुत ही स्वादिष्ट तथा पौष्टिक है। यह देसी मुर्गी ब्रीडों में सर्वाधिक लोकप्रिय है। इसकी मुर्गियां बड़े प्रकार से लड़ाकू भी होती हैं। खुले में पालने के लिए, इस ब्रीड को सबसे उत्तम माना जाता है। इस ब्रीड की चूजे शुरुआती वजन लगभग 34-40 ग्राम होता है, जो कि 6 सप्ताह में 700 से 850 ग्राम तक बढ़ जाता है। यह मुर्गी 5 महीने बाद अंडे देने लगती है। एक वर्ष में, वनराजा मुर्गी लगभग 100 से 110 अंडे देती है, और इसके अंडों की चूजे निकालने की दर 80 प्रतिशत तक होती है।
किस तरह करें पालन
बाजार में वनराजा मुर्गी के अंडे और मांस की अच्छी मांग है। इस नस्ल के एक किलो वजन वाले मुर्गे की कीमत 500 से 600 रुपए के बीच है। गाँव के युवा किसान जो मुर्गी पालन व्यवसाय आरंभ करना चाहते हैं, वे वनराजा मुर्गी को चुन सकते हैं। इसे खुले में आराम से पाला जा सकता है। यदि आप इसे ठंडे और सुरक्षित स्थान, उचित पोषण, और समय-समय पर मिट्टी बदलते हुए पालते हैं, तो मुर्गी पालन में अच्छा मुनाफा होता है। चूंकि संक्रमण से बचाव के लिए, इसके चूजों को टीका लगाना अनिवार्य है। यदि आप इसे अंडा उत्पादन के लिए पाल रहे हैं, तो मादा चूजों की संख्या बढ़ाएं और उनका अच्छा पोषण सुनिश्चित करें। सुनिश्चित करें कि मुर्गियों के रहने का स्थान समय-समय पर बदलता रहे ताकि संक्रमण का खतरा कम हो। मौसम के हिसाब से, मुर्गियों के लिए उचित तापमान की सुनिश्चित करें।
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