Fake: घी के बाजार में नकली उत्पादों की बिक्री तेजी से बढ़ रही है, और उपभोक्ताओं को भ्रमित कर वनस्पति तेल और केमिकल के मिश्रण को घी के रूप में बेचा जा रहा है। दुकानों से लेकर ई-कॉमर्स वेबसाइट्स तक, कई ब्रांड “लाइट घी,” “देसी घी जैसा स्वाद,” जैसी टैगलाइन के साथ अपने उत्पाद बेच रहे हैं, जिससे उपभोक्ता असली घी और नकली उत्पादों के बीच अंतर नहीं कर पा रहे हैं।
उपभोक्ता कैसे हो रहे हैं भ्रमित:
- सस्ता मूल्य: नकली घी असली घी से 100-200 रुपये सस्ता होता है, जिससे उपभोक्ता कीमत के आधार पर इसे असली घी समझकर खरीद लेते हैं।
- पैकिंग और टैगलाइन: ब्रांड नाम और पैकिंग देखकर उपभोक्ता धोखा खा जाते हैं। “लाइट घी” या “घी जैसा स्वाद” बड़े अक्षरों में लिखा जाता है, जबकि असली उत्पाद नहीं होता।
- पूजा घी: पूजा घी के नाम से बिकने वाले घी पूरी तरह नकली होते हैं और अक्सर अखाद्य तेलों से बने होते हैं। उपभोक्ता इसे पूजा के पवित्र शब्द से भ्रमित होकर खरीद लेते हैं।
नियमों की अस्पष्टता और कार्रवाई की कमी:
- कानूनी अस्पष्टता: नकली घी बेचने वाले ब्रांड अक्सर पैकिंग पर “कुकिंग मीडियम,” या “घी जैसा स्वाद” जैसे शब्द लिखते हैं, जिससे वे देसी घी या शुद्ध घी कहने से बच जाते हैं। यह उन्हें कानूनी कार्रवाई से बचने में मदद करता है।
- घी की तस्वीर: कई ब्रांड सिर्फ घी की तस्वीर का इस्तेमाल करके उपभोक्ताओं को धोखा देते हैं। कानून में टैगलाइन या तस्वीर पर प्रतिबंध का कोई स्पष्ट नियम नहीं है, जिससे कार्रवाई करने में मुश्किल होती है।
- पूजा घी का बहाना: नकली घी बेचने वाले पूजा घी के नाम पर भी बच निकलते हैं, क्योंकि वे दावा करते हैं कि यह खाने के लिए नहीं, बल्कि पूजा के लिए है, जिससे उन्हें कानूनी कार्रवाई से छूट मिल जाती है।
उपभोक्ताओं के लिए सावधानी:
- घी खरीदते समय लेबल ध्यान से पढ़ें, खासकर अवयवों का विवरण। पैक के पीछे छोटे अक्षरों में ये जानकारी दी होती है, जो अक्सर नजरअंदाज हो जाती है।
- ब्रांड के प्रमाणीकरण और FSSAI जैसे सरकारी मानकों की जांच करें।
इस प्रकार नकली घी की बढ़ती बिक्री और नियमों की अस्पष्टता के कारण उपभोक्ता ठगी का शिकार हो रहे हैं। आवश्यक है कि उपभोक्ता जागरूक रहें और सही उत्पाद का चयन करें।
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