Data center: मध्य प्रदेश के सागर जिले में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में सुरखी विधानसभा क्षेत्र में 1700 करोड़ रुपए की लागत से डाटा सेंटर बनाने की घोषणा की गई है। यह डाटा सेंटर मध्य प्रदेश का पहला होगा, और इसके निर्माण से क्षेत्र में 1000 युवाओं को रोजगार मिलेगा। डाटा सेंटर बनाने के लिए जमीन की खोज चल रही है, और निर्माण कार्य दीपावली तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।
डाटा सेंटर की विशेषताएं:
- कंपनी: इस डाटा सेंटर का निर्माण पंजाब की डाटा सेंटरिक्स कंपनी करेगी।
- रोजगार: यह डाटा सेंटर लगभग 1000 युवाओं को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करेगा।
- निवेश: परियोजना में 1700 करोड़ रुपए का निवेश होगा।
- निर्माण प्रक्रिया: डाटा सेंटर के निर्माण के लिए जमीन का चयन जल्द ही होगा, और भूमिपूजन दीपावली तक करने का प्रयास किया जा रहा है।
डाटा सेंटर क्या होता है?
डाटा सेंटर एक भौतिक स्थान होता है जहाँ कम्प्यूटिंग मशीनें और उनसे संबंधित हार्डवेयर उपकरण जैसे सर्वर, डेटा स्टोरेज ड्राइव, और नेटवर्क उपकरण संग्रहीत किए जाते हैं। यह किसी भी कंपनी के डिजिटल डेटा को सुरक्षित रखने का महत्वपूर्ण स्थान होता है। डाटा सेंटर में कंपनियों और व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण डेटा संग्रहीत किया जाता है, जिससे आईटी सिस्टम और इंफ्रास्ट्रक्चर को आवश्यक सुविधाएं मिलती हैं।
मध्य प्रदेश के उद्योगपतियों को लाभ:
मध्य प्रदेश में यह पहला डाटा सेंटर बनने से छोटे उद्योगपतियों को भी लाभ मिलेगा। वर्तमान में, दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, और चैन्नई जैसे बड़े शहरों में बड़ी कंपनियों के डाटा सेंटर मौजूद हैं, जबकि मध्य प्रदेश में अभी तक कोई डाटा सेंटर नहीं है।
सागर जिले में अन्य उद्योग प्रस्ताव:
सागर जिले में पैरामाउंट केबल ने 250 करोड़ रुपए के निवेश से केबल निर्माण की योजना बनाई है। इसके अलावा, बीना में 100 करोड़ रुपए के निवेश से गार्मेंट फैक्ट्री, पोर्टेबल पेट्रोल पंप, एविएशन, और अन्य परियोजनाओं के लिए भी निवेश प्रस्ताव आए हैं।
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