4 प्रतिशत वृद्धि वाली फाइल ऑफिस से दो बार लौटी
DA Hike – मध्यप्रदेश के 12 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को वर्तमान में राज्य सरकार का यह तैयारी महसूस नहीं हो रहा है कि उन्हें 4 प्रतिशत की महंगाई भत्ता मिलेगा। वरिष्ठ अधिकारियों ने संकेत किया है कि इस मुद्दे पर अभी तक सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है। विशेष रूप से यह देखा जा रहा है कि विधानसभा चुनावों के बाद अब तक दो बार महंगाई भत्ते के बारे में फाइल बनाई गई है, लेकिन यह फाइल मुख्य सचिव वीरा राणा के कार्यालय से ही लौटाई गई है।
उसी दिशा में, केंद्र सरकार जल्द ही महंगाई भत्ते की 4 प्रतिशत की एक अतिरिक्त किस्त देने की तैयारी में है। इस सूचना के बाद, प्रदेश के कर्मचारी संगठन आंदोलन की तैयारी में जुट गए हैं।
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केंद्र सरकार कर चुकी है वृद्धि | DA Hike
जुलाई 2023 से, केंद्र सरकार ने 4% महंगाई भत्ता और महंगाई राहत प्रदान की थी, जिससे केंद्रीय कर्मचारियों को कुल 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता मिल रहा है, और राज्य सरकारों ने भी इसी तरह के महंगाई भत्ते की प्रक्रिया को अपनाया है। आचार संहिता के तहत, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सरकारें ने अपने राज्य में जुलाई 2023 से 4% महंगाई भत्ते का लाभ प्रदान किया। मध्य प्रदेश के 7.50 लाख कर्मचारी और 4.50 लाख सेवानिवृत्त कर्मचारी केंद्र के समान महंगाई भत्ता और महंगाई राहत नहीं प्राप्त कर रहे हैं, जिससे उन्हें प्रभावित किया जा रहा है।
सरकार को बजट का संकट | DA Hike
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति के कारण कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने में तंगी हो रही है। सरकार कई योजनाओं में पैसों की व्यवस्था के लिए कर्ज में डूबी हुई है, जैसे लाड़ली बहना आदि, और इसके कारण महंगाई भत्ते के भुगतान को टाला जा रहा है। खर्च बढ़ने की स्थिति को देखते हुए महंगाई भत्ते संबंधित विषयों पर निर्णय लेने में असमर्थता का सामना हो रहा है। इसके अलावा, कर्मचारियों को दिए जाने वाले एरियर्स के मामले में भी विवाद है, जिसके कारण निर्णय लेने में कठिनाई हो रही है। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सीएम तक फाइल नहीं भेजने के भी कई कारण दिए जा रहे हैं।
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