
दो बार जीते धरमू सिंह का पलड़ा दिख रहा कमजोर, लोस चुनाव में रिकार्ड मतों से रामू टेकाम को मिली थी करारी हार
बैतूल – Congress Ticket – विधानसभा के चुनाव को लेकर अभी 10 महीने का समय बाकी है। लेकिन अभी से जिले की पांचों विधानसभा सीटों के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख दलों के इन सीटों के संभावित दावेदारों ने दौड़-धूप शुरू कर दी है। जहां तक भाजपा की बात करें तो इनके उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया बड़ी जटिल है और कई छन्ने लगने के बाद नाम को अंतिम रूप दिया जाता है। वहीं कांग्रेेस में टिकट चयन प्रक्रिया एकदम विपरित है। जहां जो प्रदेश में दिग्गज नेता रहता है उसी के अनुसार अधिकांश विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों का नाम फाइनल होता है। वैसे कांग्रेस में प्रदेश स्तर पर कई मठाधीश है जो अपने-अपने क्षेत्र के अपने कट्टर समर्थकों को टिकट दिलाने के लिए पूरी ताकत लगा देते हैं भले ही वह उम्मीदवार दूसरे गुट के दावेदार से कमजोर क्यों ना हो? और इसलिए कांग्रेस को इन मठाधीशों की आपसी लड़ाई का नुकसान होता आया है।
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टिकट में इनका रहता है दखल(Congress Ticket)
बैतूल जिला भी इससे अछूता नहीं है। वैसे तो लंबे समय से बैतूल जिले की विधानसभा सीटों में से अधिकांश पर सीमावर्ती जिले छिंदवाड़ा के सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के हिसाब से ही उम्मीदवार का चयन होता है। लेकिन कभी-कभी जिले की एक-दो सीटों पर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी अपनी चलवा लेते हैं। इस बार भी ऐसा ही होता दिखाई दे रहा है।
धरमू दो बार जीते एक बार हारे(Congress Ticket)
जिले में अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए दो विधानसभा सीट आरक्षित है। जिनमें दोनों ही सीटें घोड़ाडोंगरी और भैंसदेही पर कांग्रेस का कब्जा है। आज हम भैंसदेही विधानसभा सीट की बात कर रहे हैं जहां वर्तमान में तो धरमूसिंह कांग्रेस विधायक हैं। धरमू सिंह 2008 में पहली बार कांग्रेस टिकट पर यहां से विधायक बने थे लेकिन 2013 में चुनाव हारने के बाद भी सक्रिय रहे और इसका लाभ उन्हें 2018 के विधानसभा चुनाव में मिला। और वे दूसरी बार इस सीट से निर्वाचित हुए। तीनों बार उनके सामने भाजपा से महेंद्र सिंह चौहान उम्मीदवार थे। लेकिन इस बार कांग्रेस उम्मीदवार को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है।
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रामू टेकाम की मजबूत दावेदारी(Congress Ticket)
जिस तरह से 2019 का लोक सभा चुनाव कांग्रेस की टिकट पर जिले की राजनीति में रिकार्ड मतों से हारने के बाद भी पूर्व में भोपाल में अधिकांश समय रहे रामू टेकाम अब भैंसदेही विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हैं इससे राजनैतिक हल्को में यह माना जा रहा है कि कमलनाथ तक उनकी पहुंच के चलते इस बार उन्हें भैंसदेही विधानसभा से कांग्रेस का उम्मीदवार बनाया जा सकता है। 3 लाख 60 हजार 241 वोटों से भाजपा उम्मीदवार दुर्गादास उइके से चुनाव हारे रामू टेकाम को पहले सांसद की टिकट और उसके बाद उन्हें मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग जैसी महत्वपूर्ण एवं संवैधानिक संस्था में सदस्यता मिली थी लेकिन अचानक कमलनाथ सरकार के गिरने की वजह से उनकी सदस्यता को अंतिम रूप नहीं मिल पाया था। इससे यह तो स्पष्ट है कि श्री टेकाम की कमलनाथ खेमे में तगड़ी पकड़ है और भैंसदेही से कांग्रेस की टिकट लाने के लिए उन्हें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी भले ही धरमूसिंह सीटिंग एमएलए है। रामू टेकाम के विवाह में भी विशेष रूप से कमलनाथ स्वयं के हेलीकाप्टर से बैतूल आए थे।
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