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32 लाख की डील में पकड़ा गया चीफ इंजीनियर, CBI की ताबड़तोड़ छापेमारी

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के चीफ इंजीनियर विशाल आनंद को 32 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। इस मामले में विशाल के भाई कुणाल आनंद, रिश्वत देने वाले ठेकेदार सुशील झाझरिया और उसके कर्मचारी मनोज पाठक को गिरफ्तार किया है।

सीबीआई की जांच में सामने आया कि भारतीय रेल सेवा (आइआरएसई 2000 बैच) के अधिकारी विशाल ने करोड़ों रुपये के ठेके और वर्क ऑर्डर दिलाने के नाम पर सुशील झाझरिया से यह रुपये मांगे थे।

रांची में भाई ने ली रिश्वत
अफसर ने रिश्वत की रकम खुद न लेकर अपने भाई कुणाल को देने के लिए कहा। इसके बाद ठेकेदार सुशील झाझरिया ने अपने कर्मचारी मनोज पाठक के हाथों राशि भेजी। जैसे ही मनोज ने 32 लाख कुणाल को दिए सीबीआई की टीम ने दोनों को पकड़ लिया।

बड़े निर्माण कर रही थी कंपनी
जिस प्राइवेट कंपनी से यह रिश्वत ली गई, वह दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कई बड़े निर्माण कार्य कर रही थी। इनमें रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी), अंडरब्रिज (आरयूबी), ट्रैक लाइनिंग, क्षमता वृद्धि के काम और छोटे-बड़े पुलों का निर्माण शामिल है। अब सीबीआइ कंपनी की ओर से पहले हासिल किए गए ठेकों की भी जांच शुरू करेगी कि क्या यह ठेके भी रिश्वत देकर हासिल किए गए थे।

रांची और बिलासपुर में छापेमारी, दस्तावेज और नकदी बरामद
सीबीआइ ने गुरुवार को रांची और बिलासपुर समेत कई ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान बड़ी मात्रा में नकदी और कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं।

मैनेजिंग डायरेक्टर ने बेटे से कहा, 32 लाख देने हैं
प्राइवेट कंपनी के एमडी झाझरिया ने 21 अप्रैल को अपने बेटे से कहा कि रेलवे के चीफ इंजीनियर से मिलने जा रहे हैं, जहां रिश्वत की रकम तय की जाएगी। मुलाकात के बाद उन्होंने बेटे को बताया कि 32 लाख की डील फाइनल हो गई है और यह रकम अफसर को उसके भाई के माध्यम से दी जाएगी।

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