कलेक्टर के आदेश पर हुई जांच, कमेटी को मिली गंभीर अनियमितताएं

बैतूल – जिले में कुकुरमुत्तों की मानिंद जगह-जगह बिना मापदण्डों का पालन किए संचालित हो रहे नर्सिंग कालेजों पर अब ताला लगने की कार्यवाही जल्द प्रारंभ होने वाली है। कलेक्टर के निर्देश पर बनाई गई जांच कमेटी द्वारा की गई जांच-पड़ताल में तीन नर्सिंग कालेजों की मान्यता पर खतरा मंडराने लगा है। यह तीनों नर्सिंग कालेज शासन के मापदण्ड के विपरित संचालित होते पाए गए हैं जिन पर जल्द ही ताला लगने की कार्यवाही शासन द्वारा की जा सकती है।
इन नर्सिंग कालेजों में मिली अनियमितताएँ
कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस के आदेश पर बनी जांच समिति द्वारा की गई नर्सिंग कालेजों की जांच में जिले के तीन नर्सिंग कालेज ऐसे हैं जहां भारी अनियमितता पाई गई हैं। इनमें जामठी स्थित राजा भोज नर्सिंग कालेज, जामठी में ही स्थित वेदांश नर्सिंग कालेज एवं मुलताई के कामथ में स्थित नेशनल कॉलेज ऑफ नर्सिंग शामिल हैं।
राजा भोज नर्सिंग कालेज में जांच के दौरान पाया गया कि आईटीआई भवन में नर्सिंग कालेज संचालित हो रहा था और नर्सिंग कालेज का भवन निर्माणाधीन था जिसकी अनुमति नहीं ली गई थी। लैब में भी पर्याप्त सामान नहीं था। यहां पर बिना अनुमति एडमिशन किए जा रहे थे। इसी तरह वेदांश नर्सिंग कालेज में जहां कालेज संचालित हो रहा था उस भवन में नियमानुसार पर्याप्त कमरे नहीं थे। कम कमरे होने के कारण यहां पर कालेज संचालित नहीं किया जा सकता था। इनके लैब में भी पर्याप्त सामग्री नहीं थी जिससे विद्यार्थियों को अध्ययन में दिक्कत हो रही थी। तीसरे मुलताई के कामथ में स्थित नेशनल कालेज ऑफ नर्सिंग में अस्पताल की संबंद्धता को लेकर अनियमितता सामने आई। जिसमें 100 बिस्तर का अस्पताल चाहिए था लेकिन यहां 50 बिस्तर ही अस्पताल से संबंद्धता मिली।
राज्य शासन को कार्यवाही के लिए लिखा पत्र: कलेक्टर

नर्सिंग कालेजों के सत्यापन/जांच के मामले में खबरवाणी से चर्चा के दौरान कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने कहा कि जांच के दौरान कुछ अनियमितता निकली थी राज्य शासन को कार्यवाही के लिए पत्र लिखा है। इसके लिए कार्यवाही नर्सिंग काउंसिल से या हेल्थ डिपार्टमेंट से होगी। सभी का 100 प्रतिशत सत्यापन करने के लिए निर्देश दिए गए थे। चार की रिपोर्ट मेरे पास आई थी। कुछ इररेग्यूलर्टी मिली थी जिसको लेकर राज्य शासन को पत्र लिखा है। इस मामले में लाइसेंस कैंसल या फिर नर्सिंग कालेज बंद होने की कार्यवाही की जा सकती है। साथ ही सीट की संख्या कम होगी या फिर आर्थिक पेनाल्टी भी की जा सकती है। सक्षम प्राधिकारी ही निर्णय ले सकते हैं।
नर्सिंग कालेज की जांच के लिए बनी थी समिति: सीएमएचओ

नर्सिंग कालेजों में अनियमितताएं और फर्जीवाड़े को लेकर हो रही शिकायतों के बाद कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने एक जांच कमेटी बनाकर जिले में चल रहे नर्सिंग कालेजों की जांच के लिए आदेश दिए किए थे। इस कमेटी में प्रमुख रूप से सीएमएचओ डॉ. एके तिवारी, संबंधित क्षेत्र के एसडीएम, भवन की जांच के लिए कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग और तकनीकी जांच के लिए प्राचार्य जीएनएम टीसी टिकारी को शामिल किया गया था।
एक अस्पताल दो नर्सिंग कालेज
प्रदेश में अचानक ही नर्सिंग कालेजों की बाढ़ आ गई और इसमें बड़े-बड़े फर्जीवाड़े होने लगे। इसी को लेकर जिले के संवेदनशील कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने जांच करवाई तो बैतूल में भी फर्जीवाड़ा सामने आ गया। एक अस्पताल के नाम पर दो नर्सिंग कालेजों के जुडऩे का मामला सामने आया है। बडोरा पर स्थित वैष्णवी हॉस्पीटल से संबंद्धता के लिए राजा भोज नर्सिंग कालेज और वेदांश नर्सिंग कालेज ने आवेदन किए थे। जिसमें वेदांश नर्सिंग कालेज को अनुमति मिली थी। इसके अलावा नियम से नर्सिंग कालेज चलाने के लिए 100 बिस्तर का अस्पताल होना चाहिए लेकिन वैष्णवी हास्पीटल की जांच हुई थी जिसमें वहां पर मात्र 48 बिस्तर ही पाए गए और इस अस्पताल के 110 बिस्तर के लायसेंस को निरस्त कर 48 बिस्तर का किया गया है। ऐसे में अब वेदांश कालेज पर भी खतरा मंडराने लगा है। क्योंकि उनकी संबंद्धता वैष्णवी हास्पीटल से ही है। वहीं राजा भोज कालेज को मान्यता मिलती है कि नहीं यह भी आने वाला समय ही बता पाएगा। लेकिन अनियमितता पाए जाने पर इन नर्सिंग कालेजों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होने के लिए जिला प्रशासन ने पत्र लिख दिए हैं।
जिले में चल रहे 15 नर्सिंग कालेज
नर्सिंग काउंसिल मध्यप्रदेश शासन से मान्यता लेकर जिले में 15 नर्सिंग कालेज चल रहे हैं। इसके अलावा 3 नर्सिंग कालेज की स्वीकृति मिलना शेष है। कलेक्टर के आदेश पर 15 नर्सिंग कालेज में से पांच नर्सिंग कालेज की जांच अभी तक हो गई है। इन पांच में से दो नर्सिंग कालेज नियमानुसार संचालित हो रहे हैं। जबकि तीन में अनियमितताएं पाई गई हैं और इनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही के लिए कलेक्टर ने राज्य शासन को पत्र लिखा है।