Betul News | विधायक निधि के टैंकर खस्ताहाल

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ग्रामीणों को नहीं मिल रही सुविधा

Betul Newsबैतूल क्षेत्र की जनता की सुविधा के लिए जनप्रतिनिधिगण अपनी निधि से संसाधन उपलब्ध कराते हैं लेकिन इन संसाधनों का रखरखाव बेहतर ढंग से नहीं हो पाने के कारण इनकी सुविधा जनता को नहीं मिल पाती है। ऐसा ही एक मामला बैतूल विकासखंड की ग्राम पंचायत खेड़ली किला का सामने आया है जहां विधायक निधि से दिए गए पानी के टैंकरों की हालत खस्ताहाल होती जा रही है। ग्राम पंचायत इन टैंकरों का रखरखाव नहीं कर पा रही है। यही कारण है कि गर्मी के मौसम में ग्रामीणों को पानी की जरूरत पडऩे पर टैंकर उपलब्ध नहीं हो पाते हैं।

दो टैंकर हैं ग्राम पंचायत के पास | Betul News

ग्राम पंचायत खेड़ली किला में एक टैंकर सांसद निधि से दिया था और दूसरा टैंकर विधायक निधि से दिया था। खेड़ली किला गांव में 1158 की आबादी है। वैसे तो यहां जल जीवन मिशन के तहत योजना स्वीकृत हुई है लेकिन काम पूरा होने के बाद भी इस योजना का भी लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। दूसरी तरफ ग्राम पंचायत के दोनों टैंकर पानी सप्लाई करने की स्थिति में नहीं है जिसको लेकर ग्रामीणों में नाराजगी भी है।

सरपंच-सचिव नहीं लेते रूचि

खेड़ली किला निवासी राजेश सूर्यवंशी ने बताया कि उनकी पत्नी श्रीमती पिंकी सूर्यवंशी ग्राम पंचायत की पंच हैं। इस ग्राम पंचायत में तीन गांव शामिल है जिसमें सोमवारी, मोहगांव और खेड़ली किला शामिल है। श्री सूर्यवंशी ने बताया कि नीले रंग का एक टैंकर वर्तमान में पंचर हालत में माध्यमिक शाला खेड़ली किला में खड़ा है। श्री सूर्यवंशी ने इस टैंकर की रविवार की दोपहर 2 बजे फोटो खींचकर भी खबरवाणी को भेजी है।

सरपंच बोले रहे झूठ | Betul News

टैंकरों को लेकर ग्राम पंचायत के सरपंच रामकिशोर टिकमे से जब सांध्य दैनिक खबरवाणी ने चर्चा की तो उन्होंने पहले तो बताया कि टैंकर ग्राम पंचायत के हैं फिर बाद में बताया कि विधायक निधि से मिले हैं। फिर उन्होंने बताया कि दो टैंकर हैं एक सांसद निधि से और दूसरा विधायक निधि से मिला है। सांसद निधि वाला टैंकर फूट गया है जिससे वह खड़ा और दूसरा टैंकर जो नीले रंग का है वह चालू हालत में है। और अभी सोमवारी में खड़ा है। यही उन्होंने झूठ बोला क्योंकि राजेश सूर्यवंशी ने जो फोटो भेजी थी उस समय टैंकर माध्यमिक शाला खेड़ली किला में खड़ा था। इससे साफ है कि कहीं ना कहीं सरपंच और सचिव टैंकर के मामले में ग्रामीणों को गुमराह कर रहे हैं। सरपंच का यह भी कहना है कि टैंकर का कोई शुल्क नहीं लिया जाता है जो लोग ले जाते है उन्हें छोटी-मोटी परेशानियों स्वयं हल करना चाहिए।