Betul News – सीता-राम के अक्षरों से लिख दी पूरी रामायण

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भगवान श्रीराम के भक्त केदार पटेल ने 6 साल में पूरा किया काम, अब तक लाखों नहीं बल्कि करोड़ों बार लिख चुके हैं सीताराम

Betul Newsबैतूल(अतिथि कॉलम, रिशु नायडू-वरिष्ठ पत्रकार)। ‘‘माता हुलसी कहे तुलसी से बेटा तूने कमाल किया, रामायण के हर पन्ने पर लिख दिया तूने राम सिया’’ गोस्वामी तुलसीदास जी की श्रीरामचरित मानस की यह पंक्तियां भले ही गोस्वामी तुलसीदास जी की माता ने उनके पुत्र तुलसीदास जी के लिए कही थी लेकिन यही चौपाई आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिला मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम देवगांव में केदार पटेल ने भी अक्षरश: चरितार्थ कर दी है। मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के प्रति उनकी और उनके परिवार की अटूट श्रद्धा का इससे बड़ा और कोई दूसरा क्या उदाहरण हो सकता है कि उन्होंने सीता-राम के अक्षरों से पूरी रामायण ही लिख दी है। केदार पटेल अब तक हजारों नहीं लाखों नहीं बल्कि करोड़ों बार सीता-राम शब्द लिख चुके हैं। अयोध्या में श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जहां समूचा देश श्रीराममय हो रहा है तो देवगांव के श्रीराम भक्त केदार पटेल भी 22 जनवरी के आयोजन को लेकर खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं। वह और उनका पूरा परिवार इस क्षण को पूरे उत्साह के साथ मनाने की तैयारी कर रहा है।

हनुमान जी ने लिखवाई रामायण | Betul News

अक्सर कहा जाता है कि जहां कहीं भी भगवान श्रीराम के नाम का उच्चारण होता है वहां पर किसी ना किसी रूप में हनुमान जी महाराज जरूर विराजमान हो जाते हैं। केदार पटेल ने बताया कि जब उन्होंने कई बार सीता-राम शब्द लिखे तो उनके मन में यह ख्याल आया कि क्यों ना सुंदरकाण्ड को सीता-राम के अक्षरों में लिखा जाए। उन्होंने प्रयास किए और यह कार्य दो माह के भीतर कर दिया। जब सुंदरकाण्ड सीता-राम के अक्षरों में पूर्ण हो गया तो उन्हें अपार हर्ष हुआ। श्री पटेल बताते हैं कि उन्हें हनुमान जी ने ही सीता-राम अक्षरों से पूरी रामायण लिखने के लिए प्रेरित किया और 6 साल के लंबे अंतराल में उन्होंने पूरी रामायण ही सीता-राम के अक्षरों में लिख दी। श्री पटेल ने बताया कि वह पेंसिल से पहले चौपाई डबल लाइन में लिखते थे और बाद में पेन से सीता-राम-सीता-राम लिखकर चौपाई पूर्ण कर देते थे। इस तरह से पूरी रामायण लिख दी।

कलयुग में बिरले मिलते हैं ऐसे भक्त

वैसे तो भगवान श्रीराम के भक्त आपके अभी तक कई देखे और सुने होंगे लेकिन आज हम आपको एक कलयुग के ऐसे भक्त से मिलनवाने जा रहे हैं जिन्होंने पूरी महृषि वाल्मीकि रामायण को सीता-राम अक्षरों में लिख दी है। केदार पटेल निवासी देवगांव पेशे से किसान हैं लेकिन इन्होंने वाल्मीकि रामायण दोबारा लिख दी है । खास बात ये है कि दोबारा लिखी इस रामायण का एक एक अक्षर सीता राम नाम से बना हुआ है। बैतूल के केदार पटेल साल 1997 से करोड़ों बार सीताराम नाम लिख चुके हैं। सीताराम नाम के अक्षरों से केदार पटेल ने रामायण के अलावा सुन्दरकाण्ड भी लिखा है और कई सुंदर चित्र भी बनाए हैं। केदार पटेल के घर के हर कोने पर रामायण की चौपाइयां लिखी हैं वहीं केदार सिंह के परिवार में सभी के नाम भगवान के नाम से जुड़े हैं ।

राम नाम पर नाम तें, प्रीति प्रतीति भरोस ।
सो तुलसी सुमिरत सकल, सगुन सुमङ्गल कोस।।

गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं कि जो राम नाम के परायण हैं । राम नाम में ही जिसका प्रेम, विश्वास और भरोसा है, वह राम नाम का स्मरण करते ही समस्त सद्गुणों और श्रेष्ठ मंगलों का खजाना बन जाता है। इस दोहे को अपने जीवन में चरितार्थ किया है बैतूल के देवगांव निवासी किसान केदार सिंह पटेल ने जिन्होंने अपना पूरा जीवन राम नाम लिखने के लिए समर्पित कर दिया है। केदार पटेल ने वाल्मीकि रामायण दोबारा लिखी है लेकिन सबसे आश्चर्यजनक बात ये है कि इस रामायण में लिखा एक एक अक्षर सीताराम नाम से बना हुआ है । अक्षर ,मात्राएँ, लकीरें और चित्र भी सीताराम नाम से बने हैं।

दोस्त से प्रेरणा और भगवान राम का मिला आशीर्वाद

साल 1997 में एक दोस्त से प्रेरणा लेकर केदार ने सीताराम लिखना शुरू किया । पहले सीताराम नाम से सैकड़ों पन्ने भर दिए । फिर सीताराम नाम के अक्षरों से दो महीने में सुंदरकांड लिख दिया। और फिर वाल्मीकि रामायण भी महज छह साल में लिखकर पूरी कर दी जिसका हर अक्षर सीताराम नाम से बना है। केदार पटेल ने बताया कि उन्होंने सीताराम नाम लिखने के लिए 20 साल पहले खास तरह के कागज और पेन का इस्तेमाल किया था। जब भी खेती किसानी से समय मिलता वो लिखने बैठ जाते थे। वाल्मीकि रामायण का एक-एक अक्षर सीताराम नाम से बनाने में मेहनत और एकाग्रता की जरूरत होती है जो उन्हें रामजी के आशीर्वाद से मिली। केवल लेखन ही नहीं बल्कि उन्होंने हनुमान जी के कई सुंदर चित्र भी बनाएं ।इन चित्रों में जो रंग दिखाई देते हैं दरअसल वो भी सीताराम नाम से भरे गए हैं । राम नाम लिखते लिखते केदार पटेल अब बुढापे की दहलीज तक आ चुके हैं लेकिन रामनाम लिखना जारी है । आज इन्हें सबसे बड़ी खुशी ये है कि वो अपने आराध्य श्रीराम जी का भव्य मंदिर बनते देख रहे हैं और रामजी की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है । केदार को लगता है मानो करोड़ों बार उनका रामनाम लिखना सफल हो गया।

घर की हर दीवार पर लिखी चौपाईयां

राम नाम कलि कल्पतरु, सकल सुमंगल कंद ।
सुमिरत करतल सिद्धि सब,पग पग परमानंद ।।

केदार सिंह पटेल के पूरे घर की दीवारों और कोनो पर रामायण की ऐसी ही चौपाइयां लिखी हुई हैं । साथ ही घर के हर सदस्य का नाम भगवान राम, श्रीकृष्ण या किसी अन्य देवो देवता से जुड़ा हुआ है । केदार की पत्नी, बेटे, बहुएं, बेटी दामाद, नाती पोते सब राम भक्त हैं । परिवार को लगता है कि केदार पटेल के रामनाम लिखने से ही परिवार में खुशहाली है। केदार पटेल के पड़ोसी रामेश्वर सिंह बताते हैं कि लोग कुछ दिन भी लगातार रामनाम नहीं लिख पाते और यहां तो केदार पटेल ने करोड़ों बार रामनाम लिखकर वाल्मीकि रामायण और सुंदर कांड की दोबारा रचना कर दी। केदार को जानने वाले तो उन्हें कोई अवतारी पुरुष मानते हैं। पूरा गांव उनका सम्मान करता है। आज जब अयोध्या में भव्य मंदिर में श्रीरामलला विराजमान हो रहे हैं और भगवान श्रीराम के भक्तों की कहानियां चहुंओर सुनने को मिल रही है। ऐसे में देवगांव के श्रीराम भक्त केदार पटेल भी अछूते नहीं है। उनकी श्रीराम भक्त को देखकर हर कोई उनकी सराहना किए बिना नहीं रहता है। सभी यही कहते हैं कि भक्ति को कईयों की देखी पर कलयुग में ऐसा भक्त नहीं देखा।