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बैतूल: मेढ़ा मध्यम परियोजना से विस्थापित किसान अब भी मुआवजे के इंतजार में, डेम में डूबी जमीन और मकानों का नहीं मिला सही मुआवजा, किसानों ने कलेक्टर से लगाई गुहार

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बैतूल: मेढ़ा मध्यम परियोजना के तहत अधिग्रहित की गई भूमि और मकानों का उचित मुआवजा अब तक प्रभावित किसानों को नहीं मिलने के कारण आक्रोशित किसानों ने समाजसेवी निखिल बावने के नेतृत्व में कलेक्टर कार्यालय और जल संसाधन विभाग में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में किसानों ने मांग की है कि शासन द्वारा की गई त्रुटियों को शीघ्र सुधारते हुए उन्हें विधि अनुसार उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।
1. ग्राम चिचोला ढाना निवासी समाजसेवी निखिल बावने द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि मेढ़ा जलाशय डेम निर्माण के लिए 223 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण किया गया था। प्रभावित किसानों को आज तक पारसडोह मध्यम परियोजना की तर्ज पर न्यूनतम 10 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर के विशेष पैकेज के अनुरूप मुआवजा नहीं दिया गया।
2. ज्ञापन में बताया गया कि शासन द्वारा पूर्व में यह आश्वासन दिया गया था कि मेढ़ा डेम से प्रभावित किसानों को पारसडोह जैसी ही दर पर मुआवजा मिलेगा। इसके बावजूद कई किसानों को तो आज तक कोई भुगतान ही नहीं मिला, जबकि कुछ को बहुत ही कम राशि दी गई है। मौके पर विधिवत भूमि की गणना नहीं की गई और जिन किसानों को भुगतान किया गया, उनकी गणना शासन द्वारा दिए गए दस्तावेजों से मेल नहीं खाती।
3. ज्ञापन में यह भी बताया गया कि डूब क्षेत्र के कारण कई किसानों को अपने गांव-घरों से पलायन करना पड़ा है। वे आज सुविधाओं के अभाव में दीन-हीन जीवन जीने को मजबूर हैं। प्रशासन द्वारा अधूरे भुगतान और गणना की गलतियों की अनदेखी कर जलाशय निर्माण का कार्य तेजी से करवा दिया गया, जबकि किसानों की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।
4. पूर्व में भी इस संबंध में कई बार आवेदन प्रस्तुत किए गए, लेकिन शासन ने त्रुटियों को सुधारे बिना किसानों की दोबारा गणना नहीं करवाई और न ही दस्तावेजों का मिलान किया गया। ज्ञापन में मांग की गई है कि डूब क्षेत्र की पुनः विधिवत गणना की जाए और प्रत्येक प्रभावित किसान को 10 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जाए।
– 5 लाख रुपये देने का वादा भूली सरकार
इसके अतिरिक्त ज्ञापन में यह भी बताया गया कि मुआवजा मकान, खेत-बाड़ी तथा परिवार के वयस्क सदस्यों को भी मिलना चाहिए। शासन ने 18 वर्ष से अधिक आयु के प्रत्येक सदस्य को 5 लाख रुपये देने का वादा किया था, लेकिन आज तक उन्हें केवल 1 लाख 36 हजार रुपये और परिवार के मुखिया को 2 लाख 11 हजार रुपये ही दिए गए हैं। कुछ लोगों की कुछ भी राशि नहीं मिली है। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे आंदोलन के लिए विवश होंगे। किसान अब भी न्याय की आस में शासन की ओर देख रहे हैं।

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