बैतूल: जिले की चोपना क्षेत्र स्थित हिरणगट्टा और आमडोह रेत खदानों से प्रतिदिन सैकड़ों डंपर क्षमता से कहीं अधिक रेत भरकर महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश की ओर रवाना हो रहे हैं। इन डंपरों में 1000 फीट से लेकर 1600 फीट तक रेत भरी जा रही है, जो साफ तौर पर ओवरलोड श्रेणी में आता है। जानकारी के अनुसार, इन डंपरों में अधिकांश संख्या महाराष्ट्र के डंपरों की है जो खदान से ही ओवरलोड भरकर निकल रहे हैं।
1. खास बात यह है कि ये गाड़ियां सीधे खदान से ओवरलोड होकर बाहर निकल रही हैं, लेकिन विभाग आंखें मूंदे हुए है। जबकि बैतूल जिले के लोकल डंपर चालकों और मालिकों पर आए दिन कार्रवाई की जा रही है। स्थानीय डंपर संचालकों का कहना है कि वे पूरी प्रक्रिया के तहत रॉयल्टी कटवाकर, मापदंडों के अनुसार रेत का परिवहन कर रहे हैं, फिर भी उन पर सख्ती की जा रही है, जबकि अन्य राज्यों के डंपरों को पूरी छूट दी जा रही है।
2. सूत्रों की मानें तो रोज़ाना करीब दो सौ से अधिक डंपर हिरणगट्टा और आमडोह खदान से रेत लेकर महाराष्ट्र व यूपी की ओर रवाना हो रहे हैं। ये सभी डंपर अपनी निर्धारित क्षमता से कहीं अधिक रेत भरकर परिवहन कर रहे हैं, जिससे सड़कों पर भार बढ़ रहा है, नियमों का खुला उल्लंघन भी हो रहा है।
3. स्थानीय डंपर मालिकों का कहना है कि यदि कार्रवाई करनी है तो खदान से ही होनी चाहिए, जहां से ओवरलोडिंग हो रही है। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा, उल्टा बैतूल के चालकों को ही निशाना बनाया जा रहा है। उनका यह भी कहना है कि यह पूरा मामला अवैध गतिविधियों से जुड़ा है जिसमें अन्य राज्यों के ठेकेदार खुलेआम नियमों को ताक पर रखकर रेत का परिवहन कर रहे हैं।
बैतूल जिले में जहां-जहां चेकिंग हो रही है वहां सिर्फ लोकल डंपरों को रोका जा रहा है। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या खनिज विभाग केवल स्थानीय लोगों पर सख्ती दिखाकर बाहर से आने वाले रसूखदार ठेकेदारों को संरक्षण दे रहा है?
बैतूल: चोपना साइड से रोज़ाना 200 डंपर ओवरलोड होकर पार कर रहे सीमा, खनिज विभाग मौन हिरणगट्टा, आमडोह से खुलेआम ओवरलोड रेत ले जा रहे बाहरी डंपर, खदान से ही भरकर निकल रहे भारी वाहन

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