Bangladeshi Model Scandal: ढाका की मॉडल मेघना आलम इन दिनों सुर्खियों में हैं। वजह है एक ऐसा रिश्ता जिसने उनकी पूरी जिंदगी बदल कर रख दी। मेघना का दावा है कि सऊदी अरब के पूर्व राजदूत ईसा यूसुफ अल-दुहैलान (Eisa Youssef Al-Duhailan) से उनके रिश्ते ने उन्हें बदनाम कर दिया और जेल तक पहुंचा दिया।
मिस अर्थ बांग्लादेश रह चुकी हैं मेघना आलम
30 वर्षीय मेघना आलम 2020 में मिस अर्थ बांग्लादेश रह चुकी हैं। उन्होंने खुलासा किया कि उनकी मुलाकात सऊदी राजदूत से सितंबर 2024 में ढाका में हुए एक कार्यक्रम में हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, अल-दुहैलान ने मेघना को प्रभावित करने के लिए उन्हें कुरान, कीमती ज्वेलरी और 200 किलो खजूर दिए, जिन पर लिखा था – “Gift from the Saudi King”। मेघना का कहना है कि यह रिश्ता बहुत छोटा था और राजदूत ने खुद बताया था कि वह तलाकशुदा हैं।
दो दिन का प्यार बना जिंदगी की सबसे बड़ी मुसीबत
मेघना ने बताया कि जब राजदूत उनसे दूर होने लगे तो ढाका में अफवाहों का तूफान उठ गया। कहा गया कि वह गर्भवती हैं और उन्होंने गर्भपात कराया है, जिसे उन्होंने सिरे से नकार दिया। 9 अप्रैल 2025 की शाम उनके लिए सबसे भयानक साबित हुई। जैसे ही वह घर पहुंचीं, पुलिस ने उन्हें घेर लिया।
पुलिस का कहना था कि यह कार्रवाई उनके जन्म प्रमाण पत्र और ड्रग्स उपयोग की जांच को लेकर की गई। मेघना ने हिम्मत दिखाते हुए फेसबुक लाइव पर सब रिकॉर्ड किया, लेकिन कुछ देर बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। उनका आरोप है कि उन्हें दो दिनों तक परिवार और वकील से नहीं मिलने दिया गया और दबाव डालकर वीडियो डिलीट कराया गया।
राजदूत गायब, ब्यूटी क्वीन फंसी
मेघना पर धोखाधड़ी, ब्लैकमेल और विदेशी राजनयिकों को फंसाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए। मामला स्पेशल पावर एक्ट के तहत दर्ज किया गया, जिसमें बिना ट्रायल के हिरासत की अनुमति होती है। पुलिस का दावा है कि मेघना और उनके सहयोगी व्यापारी दिवान समीम एक ऐसे गैंग का हिस्सा थे जो विदेशी डिप्लोमैट्स को हनी ट्रैप में फंसाता था। अदालत ने इसे संवेदनशील मामला बताते हुए उन्हें 30 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। बाद में 28 अप्रैल को उन्हें जमानत मिली।
गिरफ्तारी के दिन ही गायब हुआ सऊदी राजदूत
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि मेघना की गिरफ्तारी के दिन ही ईसा अल-दुहैलान अचानक गायब हो गए, और उनके सभी सोशल मीडिया अकाउंट्स डिलीट कर दिए गए।
मानवाधिकार संगठनों ने जताई चिंता
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। संगठन ने कहा कि स्पेशल पावर एक्ट का इस्तेमाल मानवाधिकारों का उल्लंघन है। वहीं, 27 महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने अंतरिम प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस को पत्र लिखकर मेघना की रिहाई और निष्पक्ष जांच की मांग की है।





