Babul ki duayein Leti Ja – इन दिनों देश में शादियों का दौर शुरू हो गया है ऐसे में आपने संगीत बारात से लेकर बिदाई तक कई गाने सुनें होंगे लेकिन बिदाई में बजने वाला एक गाना है जो काफी इमोशनल हैं जो आपने भी जरूर सुना होगा वो है बाबुल की दुआएं लेती जा। जिसे मोहम्मद रफी साहब ने गया है ये गीत नील कमल फिल्म का है. 1968 में रिलीज हुई इस रोमांटिक थ्रिलर को दर्शकों का भरपूर प्यार मिला था.
गीत गाते हुए रोने लगे थे गायक(Babul ki duayein Leti Ja)
यह वो गीत है जो बेटी की विदाई पर अकसर शादियों में सुना जा सकता है. इस गाने से जुड़ा एक दिलचस्प वाकया भी है. बताया जाता है कि इस इमोशनल गीत को गाते समय मोहम्मद रफी अपने इमोशंस पर काबू नहीं रख सके थे. उन्होंने जैसे ही गीत को गाना शुरू किया वह भावनाओं के भंवर में फंसते चले गए. वह गाते जा रहे थे और उनका गला भरता जा रहा था. इस गाने का अंत होते-होते वह रोने लगे थे. न सिर्फ मोहम्मद रफी की आंखें इस गाने को गाते समय नम हो गईं बल्कि यह फिल्म जब रिलीज हुई थी इसने हर उस पिता की आंखों को नम कर दिया, जिसने अपनी बेटी की डोली खुद अपने हाथों से विदा की.
इस तरह से फिल्माया गया गाना(Babul ki duayein Leti Ja)
‘बाबुल की दुआएं लेती जा, जा तुझे सुखी संसार मिले’ का म्यूजिक रवि ने दिया जबकि इसके लिरिक्स साहिर लुधियानवी ने लिखे. नील कमल फिल्म को राम महेश्वरी ने डायरेक्ट किया था. फिल्म में राज कुमार, वहीदा रहमान, मनोज कुमार और बलराज साहनी लीड रोल में थे. इस गीत को बलराज साहनी और वहीदा रहमान पर फिल्माया गया था. बाप-बेटी के बॉन्ड और बेटी के विदाई के इस सीन को बलराज साहनी ने अपनी अदाकारी के जादू से जिंदा कर दिया था. वहीदा रहमान की भी कमाल की एक्टिंग थी तभी तो उन्हें उस साल के बेस्ट एक्ट्रेस के फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया था. फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी और साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों की फेहरिस्त में भी शामिल हुई.