Trouble: शादी के सीजन में बारात के लिए यात्रा की योजना बनाते समय ट्रेन से सफर करना अक्सर एक बेहतर विकल्प होता है, खासकर जब दूर जाना हो। लेकिन जब बारात के लिए ट्रेन का कोच या पूरी ट्रेन बुक करने की बात आती है, तो इस पर थोड़ा विचार करना जरूरी है क्योंकि इसमें कई तरह के खर्चे और प्रक्रियाएं शामिल होती हैं।
सीट बुक कराना बनाम पूरा कोच बुक कराना
- सीट बुक कराना:
- अगर आप ट्रेन में अलग-अलग सीटें बुक कराते हैं, तो आपको सिर्फ किराया चुकाना होता है और अन्य किसी प्रकार के अतिरिक्त चार्ज नहीं होते हैं।
- यह तरीका किफायती है, लेकिन इसमें एक समस्या है कि एक पीएनआर (Passenger Name Record) के तहत केवल 6 टिकट ही बुक किए जा सकते हैं। अगर आपकी बारात बड़ी है, तो आपको अलग-अलग पीएनआर पर टिकट बुक कराने होंगे, जिससे सीटें अलग-अलग कोच में मिल सकती हैं। इससे बारात के लोग बिखर सकते हैं।
- कोच या पूरी ट्रेन बुक कराना:
- कोच या पूरी ट्रेन की बुकिंग करना सीट बुक कराने से कहीं अधिक महंगा होता है।
- रेलवे एक्सपर्ट्स के अनुसार, कोच बुक करने में आपको तीन गुना ज्यादा चार्ज देना होता है।
कोच बुकिंग के चार्जेस
- फुल टेरिफ रेट (FTR) पर कोच या ट्रेन की बुकिंग होती है।
- सिक्योरिटी डिपॉजिट: प्रति कोच ₹50,000 जमा करने होते हैं।
- यात्रा किराया: यात्रा की दूरी के आधार पर किराया देना होता है, जिसमें आने और जाने दोनों का किराया शामिल होता है।
- सर्विस चार्ज: यात्रा के कुल किराये पर 30% सर्विस चार्ज देना होता है।
- कम से कम दूरी: बुकिंग के लिए न्यूनतम 200 किमी की दूरी तय की गई है।
- अतिरिक्त चार्जेस: अगर कोच को बीच में रोका जाता है, तो उसका अलग चार्ज होता है।
- एसी कोच और फर्स्ट क्लास के लिए 5% जीएसटी देना होगा।
- सुपरफास्ट ट्रेन में कोच लगने पर सुपरफास्ट चार्ज भी शामिल होगा।
- पूरी ट्रेन बुक करने पर इंजन रोकने का भी चार्ज देना पड़ता है।
बुकिंग का तरीका
- कोच या ट्रेन की बुकिंग आईआरसीटीसी के माध्यम से की जा सकती है।
- बुकिंग के समय कुल चार्ज का 5% लेवी चार्ज भी देना होगा।
- बुकिंग की प्रक्रिया कम से कम 1 महीने पहले और अधिकतम 6 महीने आगे की तिथि तक की जा सकती है।
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