क्या Emergency ब्रेक लगाने से वाकई ट्रेन पटरी से उतर जाती है? अगर नहीं तो क्यों! जाने वजह…, रेल दुर्घटनाओं के बाद आपने अक्सर सुना होगा कि ट्रेन चालक ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया और ट्रेन फिसलकर पटरी से उतर गई। लेकिन क्या वाकई ऐसा होता है? क्या इमरजेंसी ब्रेक लगाने से वाकई ट्रेन पटरी से उतर जाती है? अगर ऐसा है तो फिर इमरजेंसी ब्रेक लगाया ही क्यों जाता है? यही सवाल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Quora पर भी पूछा गया था, जिसका जवाब भारतीय रेलवे के पूर्व इंजीनियर अनीमेश कुमार सिन्हा ने दिया है।
उन्होंने बताया कि आम लोगों में एक गलतफहमी है कि Emergency ब्रेक लगाने से ट्रेन पटरी से उतर जाती है। आइए जानते हैं क्या ट्रेन को रोकने के लिए पूरी तरह से सिस्टम होता है? इसके दो भाग होते हैं। पहला, आम तौर पर प्रत्येक पहिए पर एक ब्रेक होता है, जो पहली से लेकर आखिरी बोगी तक लगा होता है। इसमें थोड़ा समय लगता है। साथ ही ब्रेक सिलेंडर में हवा का दबाव सबसे ज्यादा हो जाता है, तब जाकर ब्रेक लग पाते हैं। दूसरा, ब्रेक लगाने के बाद भी थोड़ा समय लगता है।
Emergency ब्रेक कैसे काम करते हैं?
अब जानते हैं कि इमरजेंसी ब्रेक लगाने में क्या अंतर है? इमरजेंसी ब्रेक लगाने के समय प्रत्येक डिब्बे के पहियों पर ब्रेकिंग फोर्स ज्यादा होती है और एक समान रहती है। यानी हर पहिए पर ब्रेक का दबाव बराबर होता है। इसलिए ट्रेन तुरंत रुक जाती है। रेल मंत्रालय द्वारा प्रकाशित LHB रखरखाव नियमावली के अनुसार, इमरजेंसी ब्रेक लगाने से ट्रेन के फिसलने या पटरी से उतरने की कोई संभावना नहीं होती है।
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कम दूरी में क्यों रुक जाती है?
अब सवाल ये है कि Emergency ब्रेक लगाने से ट्रेन कम दूरी में क्यों रुक जाती है? तो जानिए कि जब ड्राइवर ब्रेक लगाता है तो इंजन से सिग्नल पहले डिब्बे तक पहुंचता है, फिर दूसरे, तीसरे डिब्बे से होता हुआ आखिरी डिब्बे तक पहुंचता है। सामान्य ब्रेक लगाने में अगर पहले डिब्बे से 24वें डिब्बे तक सिग्नल पहुंचने में 10 सेकंड का समय लगता है, तो इमरजेंसी ब्रेक सिर्फ 4 सेकंड में ही पहुंच जाएगा। अगर ट्रेन 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है तो इमरजेंसी ब्रेक लगाने के बाद वो लगभग 260 मीटर पहले रुक जाएगी।
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