बिहार में किसानों को मशरूम की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. यहां पर सरकार मशरूम की खेती करने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत तक अनुदान राशि देती है.रोज़ खाये मशरूम के लड्डू सेहत रहेगी बिलकुल सवस्थ और फिट और नहीं जाना पड़ेगा कभी डॉक्टर के पास ।
मशरूम का नाम सुनते ही लोगों के जेहन में सबसे पहले लजीज सब्जी का स्वाद सामने आता है. लोगों को लगता है कि मशरूम से सिर्फ स्वादिष्ट सब्जी ही बनाई जाती है, लेकिन ऐसी बात नहीं है. अब मशरूम से जलेबी, बिस्किट, लड्डू, पेड़ा, बर्फी, ठेकुआ और गुजिया सहित कई तरह के स्वीट्स बनाए जा रहे हैं, जिसकी मार्केट में बहुत अधिक डिमांड है.
ऐसे बिहार में सबसे अधिक मशरूम की खेती होती है. साल 2021- 22 में बिहार के किसानों ने 28 हजार टन मशरूम का प्रोडक्शन किया था. खास कर उत्तरी बिहार में किसान सबसे अधिक मशरूम की खेती करते हैं. यहां पर किसानों को मशरूम की खेती करने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है. यदि आप मशरूम से बने लड्डू खाएंगे तो इसका स्वाद कभी नहीं भूलेंगे.

बिहार में किसानों को मशरूम की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. यहां पर सरकार मशरूम की खेती करने के लिए किसानों को 50 प्रतिशत तक अनुदान राशि देती है. यही वजह है कि बिहार में मशरूम से अचार सहित कई तरह के प्रोडक्ट्स बनाए जा रहे हैं.
रोज़ खाये मशरूम के लड्डू सेहत रहेगी बिलकुल सवस्थ और फिट और नहीं जाना पड़ेगा कभी डॉक्टर के पास ।
बिहार के किसान मशरूम से सिर्फ मिठाई ही नहीं, बल्कि नमकीन डिशेज भी तैयार कर रहे हैं, जिसकी मार्केट में बहुत अधिक डिमांड है. मशरूम से बने नमकीन खाने में चटपटे होते हैं.
बिहार का नाम सुनते ही, लोगों के जेहन में सबसे पहले ठेकुआ का नाम आता है. ऐसी धारणा है कि ठेकुआ गेहूं के आटे से बनाता है. लेकिन अब मशरूम से भी स्वादिष्ट ठेकुआ बन रहा है, जिसका कोई जवाब नहीं है.
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