सज्जन सिंह को बैतूल सहित चार जिलों की जिम्मेदारी
Congress News – भोपाल/बैतूल – आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ ने सरकार बनाने के लिए संगठन को मजबूत करने को लेकर नया फार्मूला लागू किया है।
जिसमें अब कांग्रेस के जिले प्रभारियों के ऊपर भी प्रभारी रहेंगे। यह जिम्मेदारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायकों को सौंपी गई है। इस नए फार्मूले में प्रदेश के 52 जिलों के लिए 16 प्रभारियों को जिम्मेदारी गई है।
सज्जन सिंह को मिली बैतूल की जिम्मेदारी | Congress News
कमलनाथ के सबसे खास माने जाने वाले पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को छिंदवाड़ा जिले के साथ बैतूल, हरदा और नर्मदापुरम की जिम्मेदारी सौंपी गई है। खास बात यह है कि छिंदवाड़ा कमलनाथ का गढ़ है वहां भी उन्हें स्थानीय नेताओं के ऊपर सज्जनसिंह को भेजना पड़ रहा है। इससे लग रहा है कि कहीं ना कहीं छिंदवाड़ा में कांग्रेस संगठन कमजोर पड़ता दिखाई दे रहा है।
इसके अलावा बैतूल में भी प्रदेश महामंत्री चंद्रिकाप्रसाद द्विवेदी को बैतूल जिले का प्रभारी बनाया गया है उनके ऊपर भी सज्जनसिंह प्रभारी बनाए गए हैं। इस फार्मूले को लेकर राजनैतिक विश£ेषकों की माने तो कमलनाथ ने प्रभारी के ऊपर प्रभारी बनाने का मतलब है कि जिले के प्रभारी पर भी निगरानी की जा रही है।
कमजोर संगठन की दिग्गी ने खोली पोल | Congress News
कल सिहोर में कांग्रेस के एक कार्यक्रम में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्गविजय सिंह ने यह मंच से स्वीकार करते हुए कहा कि कांग्रेस में संगठन बेहद कमजोर है। उन्होंने कहा कि जनता कांग्रेस को तो वोट देना चाहती है लेकिन हमारा संगठन ही पोलिंग बूथ तक एक्टिव नहीं रह पाता है।
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इसके लिए हम जनता को दोष नहीं दे सकते हैं। श्री सिंह ने कहा कि मुझे यह स्वीकार करने में कतई गुरेज नहीं है कि कांग्रेस का संगठन बेहद कमजोर है। यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनानी है तो संगठन को मजबूत करना ही पड़ेगा।
इन नेताओं को मिली 52 जिलों की जिम्मेदारी | Congress News
कांग्रेस संगठन ने फूलसिंह बरैया, अरूण यादव, अजय सिंह, जीतू पटवारी, सुरेश पचौरी, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, तरूण भनोट, सज्जनसिंह वर्मा, बाला बच्चन, कांतिलाल भूरिया, मीनाक्षी नटराजन, जयवर्धन सिंह, रामनिवास रावत, लखन सिंह यादव, केपी सिंह, कमलेश्वर पटेल सहित एक अन्य को जिम्मेदारी मिली है।
इन प्रभारियों को लेकर भी आने वाले समय में भाजपा तंज कस सकती है कि इनमें से कुछ नेता ऐसे भी हैं जो अपने जिलों को नहीं बचा पाई वो दूसरे जिलों में कांग्रेस को कैसे जीत दिला सकती है? क्योंकि इन प्रभारियों को सशक्त दावेदारों की पैनल बनाकर पीसीसी को भेजना है।