सीहोर- Tehsildar Ki Body Mili – सख्त अधिकारी की पहचान बनाने वाले तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर का शव 10 दिन बाद 330 किमी दूर पार्वती नदी में मिला । बेटे ने उनके शव की शिनाख्त की ।
बताया जा रहा है कि 15 अगस्त की रात तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर कार सहित सीहोर की जीवन नदी में बह गए थे । उनका शव 10 दिन बाद सीहोर से 330 किलोमीटर दूर श्योपुर जिले की पार्वती नदी में मिल गया है । सीहोर पुलिस ने बताया कि श्योपुर जिले के थाना बड़वाह अंतर्गत पार्वती नदी में मिले शव की नरेंद्र ठाकुर के रूप में उनके परिवार द्वारा पहचान की गई । नरेंद्र सिंह ठाकुर की तलाश में 10 दिनों से पांच नाव और पचास से अधिक कर्मचारी और एसडीआरएफ का 30 सदस्यीय दल उनकी तलाश में लगा था ।
मध्य प्रदेश तहसीलदार संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ठाकुर शाजापुर जिले में पदस्थ थे । तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर एवं पटवारी महेंद्र रजक 15 अगस्त की शाम को सीहोर की नदी में कार सहित बह गए थे । दो दिन बाद 17 अगस्त को सीहोर के समीप पटवारी महेंद्र रजक का शव की तलाश कर ली गई थी । पिछले दिनों से एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ की टीम द्वारा तहसीलदार की सर्चिंग की जा रही थी।
घटना के बाद से ही उनकी तलाशी के लिए 5 नाव और 50 से अधिक कर्मचारी व अधिकारी खेतों व नदियों में तलाशी अभियान मे लगाए गए थे । उसके बाद एसडीईआरएफ के 30 सदस्यीय दल को भी लगाया गया है, जो अलग-अलग दल बनाकर सीहोर से शाजापुर तक सिवान नदी में सर्च ऑपरेशन चला रहे थे ।
पटवारी महेंद्र रजक की लाश और कार पहले मिल गई थी । 15 अगस्त की रात इंदौर भोपाल हाईवे स्टेट तहसीलदार नरेंद्र सिंह ठाकुर और पटवारी खाना खाने के बाद घर लौट रहे थे । तभी उन्होंने सिवान नदी पर बने करबला पुल को पार करने का प्रयास किया । इस दौरान उनका संतुलन बिगड़ गया और उनकी कार नदी में बह गई। पटवारी महेंद्र रजक और कार तो बरामद हो गई है लेकिन हादसे के बाद से तहसीलदार का कोई पता नहीं चल रहा था ।
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