सांध्य दैनिक खबरवाणी, बैतूल
हाऊसिंग बोर्ड में बनाई गई सीसी सडक़ के दोनों ओर गमलों और पौधों से सौंदर्यीकरण किया गया है, इस तथाकथित सौंदर्यीकरण में नगरपालिका ने तीन लाख रुपए खर्च करने 60 गमले पौधे सहित रखे गए हैं, नगरपालिका में लगाए गए बिल के हिसाब से एक गमला पांच हजार रुपए का बताया जा रहा है। इन गमलों में से परसों के दिन एक शहीद हो गया, और अब दूसरों को बचाने के लिए नगरपालिका ने गमलों को कहीं दवार तो कहीं खंभों से सटाकर रस्सी से बांध दिए हैं, जिससे गमले गिरकर क्षतिग्रस्त न हों।
1. कुल मिलाकर नपा ने गोलमाल के चलते सिरदर्द पाल लिया है, मानसून आने को है तेज हवाएं चलेंगी तो वहीं आंधी-तूफान और तेज बारिश का मौसम भी आएगा, ऐेस में इन गमलों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लग रहे हैं। जब आंधी-बारिश से घरों छत, छप्पर तक उड़ जाते हैं तो आदमकद पौधे लगाकर नीचे रखे इन गलों की सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं, अब नपा इन्हें बचाने की जद्दोजेहद में लगी है।
– शहर की सडक़ों पर किया जा सकता था पौधरोपण
कायदे से नगरपालिका को किसी एक कॉलोनी विशेष में सौंदर्यीकरण की बजाए शहर की सडक़ों के दोनों ओर छाया और फलदार पौधों का रोपण करना था। आम, नीम, आंवला जैसे फल और छायादार पौधे लगाकर नगरपालिका पर्यावरण संतुलन में भी भागीदार बन सकती थी, लेकिन नपा ने आर्टिफिशियल गमलों और पौधों में मोटी रकम फंसाई, यदि शहर की सडक़ों पर पौधरोपण होता तो नपा में 3 लाख का भारी भरकम बिल कहां से लग पाता? खैर जो भी मामले में अब जांच इस बात पर होनी चाहिए कि वाकई गमले की कीमत 5 हजार रुपए है या कुछ और?