गेहूं के दामों में आई गिरावट, दूसरे दिन भी जारी रही हड़ताल
बैतूल – गेहूं जहां किसानों के लिए वरदान साबित हो रहा था वहीं सरकार के निर्णय से किसानों को बड़ा झटका लगा है। गेहूं के दाम 100 से 150 रुपए कम हो गए हैं। दूसरी तरफ सरकार के निर्णय को लेकर व्यापारी संघ भी नाराज है और प्रदेश स्तर पर दो दिन की हड़ताल रखी गई थी। आज दूसरे दिन भी हड़ताल जारी रही। हड़ताल की जानकारी किसानों को नहीं मिलने के कारण कई किसान अपनी उपज लेकर मंडी पहुंच गए और परेशान हो रहे हैं। अपनी उपज की रखवाली करने के लिए चौकड़ा पर ही सोते नजर आ रहे हैं।
मंडी खुलने का इंतजार कर रहे परेशान किसान
मंडी में आज लगभग 7 हजार बोरे की आवक रही लेकिन हड़ताल के चलते उपज नहीं बिकी। 80 किमी. दूर से आए किसान गणेश सिंह परमार ने बताया कि वह खरपड़ा गांव से आए हैं और मक्का, सोयाबीन बेचने के लिए लाए थे। पता नहीं था कि हड़ताल है। इसलिए आ गए अब जब तक हड़ताल खत्म नहीं होती तब तक मंडी में रूकना पड़ेगा। उपज वापस ले जाना संभव नहीं है।
मेंढा गांव से आए किसान सीताराम ने बताया कि गेहूं, चना और तुवर बेचने के लिए लाए थे लेकिन मंडी बंद होने के कारण उपज नहीं बिक पाई। अब यहीं रूकना पड़ेगा। अगर कल मंडी खुल गई तो उपज बिक जाएगी नहीं तो हड़ताल जब तक खत्म नहीं होगी तब तक यहीं रूकना पड़ेगा।
डेढ़ सौ रुपए तक गिरे दाम
सरकार ने गेहूं निर्यात पर रोक लगा दी है जिसको लेकर मध्यप्रदेश व्यापारी संघ ने दो दिन के लिए प्रदेश व्यापी हड़ताल रखी है। जिले के प्रतिष्ठित व्यापारी प्रमोद अग्रवाल का कहना है कि सरकार ने अचानक ही निर्णय ले लिया। जिसके कारण निर्यात होने वाला गेहूं पोर्ट पर पहुंच गया और वहां हजारों की संख्या में ट्रक खड़े हो गए। कुछ ट्रक रास्ते में हैं। इसको लेकर हड़ताल की गई है। हालांकि सरकार ने कुछ रियायत दी है इसको लेकर आज रात तक तय होगा कि हड़ताल आज खत्म हो रही है या आगे बढ़ेगी। श्री अग्रवाल ने बताया कि निर्यात पर रोक लगने के कारण गेहूं के दामों में कमी आ गई है। आज 100 से 150 रुपए तक गेहूं का रेट कम हो गया है।