Trending News – जिस नदी में फंसा था सीएम का चुनावी रथ वहां नहीं बना पुल

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जान जोखिम में डाल उफनती नदी पार कर रहे स्कूली बच्चे

Trending News – बैतूल। जिस मोरंड नदी में सात साल पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का चुनावी रथ फंस गया था और कार्यकर्ताओं ने इसे धक्का मारकर बाहर निकाला था। तब से लेकर आज तक इस नदी पर पुल नहीं बन पाया है। उस समय ग्रामीणों को आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही इस नदी पर पुल बनेगा और सड़क भी बनाई जाएगी। पुल नहीं होने के कारण बच्चे उफनती नदी को पार करने के लिए मजबूर हैं। अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे हैं। ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

मई 2016 में फंसा था मुख्यमंत्री का रथ| Trending News

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मई 2016 में घोड़ाडोंगरी विधानसभा के उपचुनाव में प्रचार करने आए थे। रोड शो करने के लिए उनका वातानुकूलित चुनावी रथ आया था और जब वे बिना पुल की सूखी मोरंड नदी की रेत में उनका रथ निकल रहा था तो फंस गया था। रथ को निकालने के लिए लगभग 20 मिनट तक भाजपा कार्यकर्ताओं ने मशक्त की और धक्का मारकर रथ निकाला था। ग्रामीणों का दांवा है कि उसी समय यहां पुल बनाने की घोषणा की गई थी, लेकिन अभी तक पुल नहीं बना।

जोखिम उठाते नजर आ रहे बच्चे

बैतूल के ग्रामीण इलाकों में अब भी पुल-पुलिया और सड़कों के अभाव से ग्रामीण जनजीवन बदहाल हो रहा है। इसकी बानगी बिजादेही इलाके में देखी जा सकती है। जहां स्कूली बच्चे उफनती नदी पार करने को मजबूर है। यहां टांगना से बीजादेही मार्ग पर पड़ने वाली नदी पर पुल न होने से स्कूली बच्चे छाती तक पानी से भरी नदी को जोखिम उठाकर पार करने को मजबूर है।

आधा सैकड़ा बच्चे करते हैं नदी पार | Trending News

टांगना के लगभग आधा सैकड़ा बच्चे बीजादेही हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूल में पढ़ते हैं। यहां स्कूल जाने के लिए बच्चो को रास्ते में पड़ने वाली मोरन नदी पार करना होता है। बारिश के दिनो मे इस नदी में बाढ़ आ जाने या जलस्तर बढ़ जाने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बरसात में स्कूली बच्चे छाती-छाती तक पानी में सिर पर बस्ता रखे हाथ में जूते चप्पल पकड़े नदी पार करके स्कूल जाते हैं।

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परिजनों को पहुंचना पड़ता है नदी किनारे

बारिश होने पर बच्चों के परिजनों को उन्हें लाने के लिए नदी के किनारे पर पहुंचना होता है। ऐसे ही स्कूल पहुंचाने के लिए भी उन्हें जतन करने पड़ते है। स्कूली बच्चे ही नहीं ग्रामीण भी अस्पताल जाना हो या फिर बीजादेही बाजार उन्हें जान जोखिम में डालकर उफनती नदी पार करके बीजादेही पहुंचना होता हैं। ग्रामीणों ने बताया कि यहां पुलिया के लिए लगभग 20 सालों से ग्रामीण मांग कर रहे हैं। पूर्व विधायक से लेकर वर्तमान विधायक तक गुहार लगा चुके हैं, पर पुलिया नहीं बनी है। अभी वर्तमान सरपंच राधा पप्पू आहके ने भी वर्तमान विधायक एवं सांसद के पास बीजादेही टांगना के बीच मोरन नदी पर पुल बनाने के लिए अनुरोध किया है, पर कोई सुनवाई नहीं हुई है।

20 किमी. का लगाना पड़ता है फेरा

ग्रामीण पप्पू कवड़े ने बताया की बीजादेही जाने के लिए ढाई किमी लंबे इस रास्ते पर यह नदी पड़ती है। अगर इसमें तेज बाढ़ आ जाए तो फिर उन्हें 20 किमी का फेरा लगाकर बीजादेही पहुंचना होता है। कुछ दिन पहले ऊंचा गोहान पंचायत में पुलिया के अभाव में स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर उफनती नदी के स्टाप डैम पर पटिया रखकर नदी पार करते नजर आए थे। समाजसेवी दिनेश यादव का कहना है कि 1998 में कांग्रेस सरकार के दौरान तत्कालिन मुख्यमंत्री ने इस नदी पर पुल बनाने की घोषणा की थी और इसके बाद भाजपा सरकार के समय घोषणा हुई लेकिन आज तक नदी पर पुल नहीं बन पाया है।

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