शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन 5 अक्टूबर को है। इस दिन आश्विन शुक्ल तृतीया तिथि, स्वाति नक्षत्र, विष्कंभ योग, तैतिल करण, पूर्व का दिशाशूल और तुला राशि में चंद्रमा का संयोग है। इस दिन माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है।
माता चंद्रघंटा देवी दुर्गा के नौ रूपों में से तीसरा रूप हैं। उनके मस्तक पर घंटे के आकार का चंद्रमा होता है, इसीलिए उन्हें चंद्रघंटा कहा जाता है। देवी चंद्रघंटा सिंह पर सवार होती हैं और उनके दस हाथ होते हैं। उनकी पूजा में पीले फूल और सफेद कमल चढ़ाए जाते हैं। उन्हें दूध से बनी खीर, मिठाई, सेब, केला आदि का भोग लगाया जा सकता है।
शारदीय नवरात्रि
माता चंद्रघंटा की पूजा से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और सुख-समृद्धि, सुरक्षा का आशीर्वाद मिलता है। शुक्र दोष से मुक्ति के लिए भी माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। उनके आशीर्वाद से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
शारदीय नवरात्रि के तीसरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का संयोग बन रहा है। यह दोनों योग शुभ माने जाते हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए कार्य सफल होते हैं। इस दिन शनिदेव की पूजा के साथ शनिवार का व्रत भी किया जाता है। शनिदेव की पूजा से साढ़ेसाती, ढैय्या और शनि दोष का निवारण होता है।

शनिदेव को काले तिल, नीले फूल, शमी के फूल, सरसों का तेल, काले और नीले वस्त्र अर्पित करें। शनि मंदिर में छाया दान करें और शनि चालीसा का पाठ करें। शनिदेव के मंत्रों का जाप करें और लोहा, काला कंबल, नीले वस्त्र, काले तिल और सरसों के तेल का दान करें। इससे शनि ग्रह का बल बढ़ता है और शुभ प्रभाव मिलता है।
आज का पंचांग, 5 अक्टूबर 2024
- तिथि: तृतीया – पूरी रात तक
- नक्षत्र: स्वाति – रात 09:33 बजे तक, उसके बाद विशाखा
- करण: तैतिल – शाम 06:42 बजे तक, गर – पूरी रात तक
- योग: विष्कंभ – सुबह 06:09 बजे तक, उसके बाद प्रीति
- पक्ष: शुक्ल पक्ष
- वार: शनिवार
- चंद्र राशि: तुला
सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय
- सूर्योदय: सुबह 06:16 बजे
- सूर्यास्त: शाम 06:02 बजे
- चंद्रोदय: सुबह 08:19 बजे
- चंद्रास्त: शाम 07:18 बजे
शारदीय नवरात्रि तीसरा दिन 2024 मुहूर्त और योग
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:39 बजे से 05:27 बजे तक
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:46 बजे से 12:33 बजे तक
- सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06:16 बजे से रात 09:33 बजे तक
- रवि योग: रात 09:33 बजे से सुबह 06:17 बजे तक, 6 अक्टूबर
अशुभ समय
- राहुकाल: सुबह 09:13 बजे से 10:41 बजे तक
- गुलिक काल: सुबह 06:16 बजे से 07:44 बजे तक
- दुर्मुहूर्त: सुबह 06:16 बजे से 07:03 बजे तक, फिर 07:03 बजे से 07:50 बजे तक
- दिशाशूल: पूर्व