डेफ ओलंपिक में गोल्ड जीतकर नाम रोशन करने का है सपना
Taekwondo Championship – बैतूल – मंजिलें हैं तो रास्ता है… रास्ता है तो फासला है… फासला है तो हौसला है…कि जूनुन, मेहनत और अभ्यास की हमेशा जीत होती है। जी-हां मूकबधिर कनिष्ठा ने भी अपनी मेहनत, लगन और अथक प्रयासों की बदौलत नेशनल ताईक्वांडो चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल अपने नाम कर लिया है। कनिष्का ना सुन सकती है और ना ही बोल सकती है। हालांकि उसका सपना डेफ ओलंपिक में गोल्ड जीतकर देश का नाम रोशन करना है। इसके लिए वह सतत् अभ्यास भी कर रही है। कनिष्का की इस सफलता पर कोच, परिजनों, ईष्टमित्रों, शुभचिंतकों ने उन्हें बधाई दी है।
चैम्पियनशिप में सिल्वर जीता | Taekwondo Championship
डेफ स्कूल में सातवी कक्षा पढ़ने वाली 15 साल की कनिष्का अंडर 68 वजन में 17 साल आयु वर्ग के फीमेल खिलाड़ियों की मध्यप्रदेश की टीम में खेलती है । कनिष्का मध्यप्रदेश की स्पोर्ट एकेडमी में है और डेफ ओलंपिक की तैयारी कर रही है । मंगलवार को कनिष्का ने बैतूल में चल रहे नेशनल स्कूल ताइक्वांडो टूर्नामेंट में क्वाटर फाइनल में गुजरात की गोपी बाला धारिती खिलाड़ी को हराया। सेमी फाइनल पश्चिम बंगाल की राज रूपा (नार्मल खिलाड़ी) को हराकर सिल्वर मेडल जीता। फाइनल में कनिष्का महाराष्ट्र की सिद्धि बेंडाले (नार्मल खिलाड़ी) से हार गई । कनिष्का ने सिल्वर जीत कर प्रदेश का गौरव बढ़ाया है ।
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बचपन से ही है सेल्फ डिफेंस का शौक
कनिष्का को बचपन से ही सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेने का शौक है। यही शौक अब उसे अलग पहचान दिला रहा है। कनिष्का ने ताइक्वांडो की ट्रेनिंग ली। ताइक्वांडो में स्टेट लेवल पर पांच गोल्ड जीतने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर एक सिल्वर जीतने के बाद बैतूल में दूसरा सिल्वर जीता । स्पोर्ट एकेडमी प्रमुख कोच जगजीत सिंह का कहना है कि कनिष्का मेहनत बहुत करती है। वह बहुत जुझारू है हमें उम्मीद थी मेडल तो लेकर जाएगी। कोच अर्जुन रावत का कहना है कि कनिष्का के लिए यह बड़ी उपलब्धि है कि उसने नार्मल खिलाड़ी से हारकर सिल्वर जीता है। इसके साथ ही कनिष्का ने बैतूल में शानदार प्रदर्शन करते हुए पांच मैच में चार मैच नॉर्मल खिलाड़ियों को हराकर सिल्वर मेडल जीतकर मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ाया है। कनिष्का नार्मल बच्ची नहीं है ऐसे में नेशनल टूर्नामेंट में सिल्वर जीतना बड़ी बात है ।
कम देखने को मिलती है ऐसी प्रतिभा | Taekwando Championship
प्राप्त जानकारी के अनुसार बैतूल में चल रहे 67 वे नेशनल स्कूल ताइक्वांडो टूर्नामेंट में मध्य प्रदेश की टीम में भोपाल की कनिष्का शर्मा भी शामिल है । 15 साल की कनिष्का जन्म से ही ना बोल सकती है ना सुन सकती है । पर उसने अपनी दिव्यांगता को हरा कर इस चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल प्राप्त कर मंजिल के करीब पहुंच गई हैं। कनिष्का जैसे प्रतिभाशाली बच्चे कम ही देखने को मिलते है जो ठान लेते उसे पाकर ही चैन लेते है ।
इनका कहना…
कनिष्का ने सिल्वर जीत कर मध्य प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। कनिष्का नार्मल बच्ची नहीं ह।ै ऐसे में नेशनल टूर्नामेंट में सिल्वर जीतना बड़ी बात है।
डॉ. अनिल कुशवाहा, जिला शिक्षा अधिकारी, बैतूल)
बेटी ने नॉर्मल खिलाड़ियों के साथ खेल कर सिल्वर जीता है। हम लोगों के लिए बड़ी खुशी की बात है। उम्मीद थी कि गोल्ड जीतेगी लेकिन सिल्वर जीत कर उसने नाम रोशन किया है।
कपिल शर्मा (पिता), भोपाल
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