खनिज विभाग ने क्रेशर संचालकों को दिए आदेश
मामला सिया से पर्यावरण की मंजूरी नहीं लेने का
Stone crusher: बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में गुरुवार रात्रि से 25 स्टोन क्रेशर को बंद करने का आदेश जारी किया गया है। यह आदेश जिला खनिज अधिकारी ने उन क्रेशर के संचालकों को दिया है जिन्होंने राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण से अनिवार्य पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त नहीं की थी। पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करने की अंतिम तिथि सात नवंबर 2024 निर्धारित की गई थी। लेकिन इस समय सीमा तक मंजूरी न मिलने पर यह कार्रवाई की गई है।
जिला खनिज अधिकारी ने जानकारी दी कि बैतूल जिले में कुल 88 स्टोन क्रेशर हैं, जिनमें से 55 स्टोन क्रेशर के लिए राज्य द्वारा अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य था कि सभी स्टोन क्रेशरो संचालक पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करें ताकि खनन प्रक्रिया पर्यावरण के अनुकूल हो सके। इस अभियान के तहत 20 स्टोन क्रेशरों ने आवश्यक मंजूरी हासिल कर ली, जबकि शेष 25 क्रेशर मंजूरी प्राप्त करने में असफल रहे। इसी के परिणामस्वरूप, इन क्रेशरों को बंद करने का निर्णय लिया गया।
गौरतलब है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पहले ही निर्देश दिया गया था कि राज्य में संचालित सभी स्टोन क्रेशरो को सिया से पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त करनी होगी। एनजीटी के इस आदेश के बाद, जिले के स्टोन क्रेशर संचालकों ने अदालत में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्हें सात नवंबर तक की अवधि तक मंजूरी प्राप्त करने के लिए राहत दी गई थी। इस अवधि में भी मंजूरी न मिलने पर जिला खनिज विभाग ने नियमों का पालन करते हुए इन क्रेशर को बंद करने का निर्णय लिया।
इस कार्रवाई से जिले के स्टोन क्रेशर संचालकों में हडक़ंप मच गया है। कई संचालक अब आगे की कार्रवाई के लिए कानूनी सलाह ले रहे हैं। यह कदम पर्यावरण सुरक्षा और नियमों का पालन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि खनन कार्यों से उत्पन्न प्रदूषण और अन्य पर्यावरणीय जोखिमों को नियंत्रित किया जा सके।