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Shrimad Bhagwat Katha – मोक्ष का पर्याय है श्रीमद् भागवत कथा – पं अखिलेश परसाई

गणेश चौक शाहपुर में किया जा रहा भागवत कथा का आयोजन

शाहपुर – Shrimad Bhagwat Katha –जिले के प्रसिद्ध श्रीमद् भागवत कथा वाचक पं. अखिलेश परसाईं के मुखारबिंद से भक्तिरस की गंगा बह रही है। नगर के गणेश चौक पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

मुक्ति का पर्याय है भागवत(Shrimad Bhagwat Katha)

नगर के जुगल प्रजापति परिवार द्वारा अपनी माता श्रीमती मिटको बाई पिता अंगद प्रजापति एवँ पूर्वजो की याद में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के दूसरे दिन गुरुवार को नगर के स्थानीय कथाचार्य पंडित अखिलेश परसाई ने व्यास पीठ से बताया की भागवत मुक्ति का पर्याय व जीवन कल्याण का माध्यम है। कथा सुनने से सांसारिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।

मोह रखने वाला होता है दुखी(Shrimad Bhagwat Katha)

संसार से मोह रखने वाले दु:खी होते हैं। मोह-माया बंधन है, इसका का त्याग करें तो मुक्ति हो सकती है। जो मनुष्य माया के अधीन है वह संसार के बंधन से मुक्त नहीं हो पाता। हम वैराग्य धारण करें, भजन करें व अहम को त्यागें। तोता पारखी होता है और मीठे फल ही खाता है। शुकदेव मुनि तोते के पर्याय थे। तोते के मुख से भागवत कथा का वाचन हुआ था। जो आत्मा के कल्याण का मार्ग बताए व जीवन जीने के लिए अर्थोपार्जन की कला सिखाए वह गुरु होता है। भक्त का भगवान से गहरा नाता है ।

जीवन को संवारती है कथा(Shrimad Bhagwat Katha)

व्यास पंडित परसाई ने आगे की कथा में बताया कि भागवत पावन कथा जीवन को संवारने पर सुख, समृद्धि, शांति व ईश्वर के प्रति भक्ति भावना को बढ़ाने वाली है। इस कथा में वेद, पुराण, उपनिषद सभी ग्रंथों का सार है। वेद, पुराण, महाभारत आदि की रचना के बाद भी जब शांति का मार्ग नहीं प्रशस्त्र हुआ तो वेद व्यास ने अंतिम कृति श्रीमद्भागवत की रचना की। पहली बाद शुकदेव दास जी राजा परीक्षित को कथा सुनाई थी। भागवत कथा में छिंदवाड़ा से आये नृत्य कलाकारों द्वारा सुंदर प्रासंगिक झाँकी का दृश्य एवँ नृत्य किया जा रहा है । कथा का समय दोपहर एक बजे से शाम पांच बजे तक रखा गया है ।

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