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महादेव का प्रतिनिधि होता है रुद्राक्ष, पहनने से होती है इच्छापूर्ति, जानें असली और नकली में फर्क

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रुद्राक्ष एक बहुत ही पवित्र और दिव्य माना जाता है. रुद्राक्ष को स्वयं महादेव के प्रतिनिधि के रूप में देखा जाता है. इसकी प्रयोग से व्यक्ति के जीवन से दुख दूर हो जाते हैं एवं सुखों में वृद्धि होती है. वैदिक काल से ही रुद्राक्ष को धारण करने की परंपरा रही है. मान्यता है कि रुद्राक्ष धारण करने से भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होती है. व्यक्ति को शिवतत्व की प्राप्ति होती है साथ ही जीवन से कष्टों की मुक्ति हो जाती है.

रुद्राक्ष के प्रकार : रुद्राक्ष के दाने एक मुखी से लेकर 21 मुखी तक होते हैं. इसके अलावा गौरी शंकर रुद्राक्ष गणेश रुद्राक्ष आदि अनेकों प्रकार के रुद्राक्ष पाये जाते हैं. 2मुखी से 14 मुखी रुद्राक्ष तक आसानी से मिल जाते है.1मुखी रुद्राक्ष एवं 15 मुखी से 21मुखी रुद्राक्ष बहुत ही दुर्लभ एवं महंगे मिलते हैं.गौरी शंकर रुद्राक्ष, गणेश रुद्राक्ष एवं त्रिजुटी रुद्राक्ष भी दुर्लभ एवं लाभदायक हैं.

एकमुखी रुद्राक्ष : एक मुखी रुद्राक्ष को ग्रहों के देवता सूर्य का प्रतिनिधि माना जाता है. जिन जातकों की जन्म कुंडली में मेष, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक और धनु लग्न अथवा राशि है. ऐसी जहां तक इस एक मुखी रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं.

इच्छापूर्ति के लिये भी पहन सकते हैं रुद्राक्ष : राजनीति में सफल होने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति, नौकरी में समस्याओं का सामना करने वाले व्यक्ति, सरकारी परेशानियों से मुक्ति, पिता पुत्र की संबंधों में कमी, उच्च पद की चाहना रखने वाले, जौहरी, मेडिकल क्षेत्र में कार्यरत और समाज में यश – कीर्ति और सम्मान में वृद्धि चाहने वाले व्यक्ति एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए.

एमुखी रुद्राक्ष की पहचान : एक मुखी रुद्राक्ष गोल एवं काजू के आकार वाला होता है. यह इंडोनेसिया, भारत एवं नेपाल में पाये जाते हैं.इसमें नेपाली गोल दाना अत्यंत दुर्लभ एवं बेशकीमती माना गया है.इस रुद्राक्ष में सिर्फ एक धारी होती है. असली रुद्राक्ष डार्क ब्राउन अथवा काले रंग का होता है.इसको सरसों के तेल में रखने से यह और ज्यादा डार्क हो जाता है जबकि नकली रुद्राक्ष हल्का हो जाता है. रुद्राक्ष की ही शक्ल का भद्राक्ष भी बाजार में होता है. इसे खरीदने के समय पर इससे सावधान रहें.

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