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PM SHRI Yojana – केंद्र सरकार की इस योजना से देश के स्कूलों को होगा लाभ 

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शुरुआत में उत्तर प्रदेश के 1753 स्कूल चिन्हित 

PM SHRI Yojanaप्रधानमंत्री एसएचआरआई स्कूल भारत सरकार की एक पहल है। इसका उद्देश्य केंद्र सरकार, राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों, स्थानीय निकायों, केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS), और नवोदय विद्यालय समिति (NVS) के साथ मिलकर 14,500 से अधिक प्रधानमंत्री श्री स्कूल स्थापित करना है। इन स्कूलों का लक्ष्य हर छात्र के लिए एक शानदार माहौल तैयार करना और उनकी शिक्षा के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराना है, साथ ही जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तैयार करना है।

राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा स्कूलों का चयन | PM SHRI Yojana 

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के अंतर्गत, 18 लाख छात्रों को लाभ पहुंचेगा। यहाँ विशेष बात यह है कि इस पॉलिसी के अनुसार, आने वाले सभी स्कूल सरकारी होंगे, जिनका चयन राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर इसकी घोषणा की थी।

उत्तर प्रदेश में 1753 स्कूलों का चयन 

प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (एसएचआरआई) योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 1753 स्कूलों का चयन किया गया है। पहले चरण में 928 स्कूलों के उन्नयन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इन शैक्षिक संस्थानों को एकीकृत कैंपस में बदला जाएगा ताकि अच्छे शिक्षण संसाधनों से लैस एक मॉडर्न माहौल बन सके। इसके शुभारंभ के दौरान, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय शिक्षा, कौशल और उद्यमिता मंत्री ने ‘प्रोजेक्ट अलंकार’ के अंतर्गत माध्यमिक विद्यालयों में मौलिक इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 347 करोड़ रुपये का आवंटन किया।

योजना से स्कूलों को होने वाले लाभ | PM SHRI Yojana 

इस योजना के अंतर्गत स्कूलों को अपग्रेड करके आधुनिक बनाया जाएगा और नई शिक्षा नीति (NEP) से जोड़ा जाएगा।

हर ब्लॉक में दो स्कूलों (एक प्राइमरी और एक सेकंडरी या सीनियर सेकंडरी) का चयन किया जाएगा।

इस योजना के तहत स्कूलों में टेक्नोलॉजी, स्मार्ट क्लासरूम, आर्ट रूम, डिजिटल बोर्ड, स्पोर्ट्स इक्विपमेंट, और इंटरनेट की सुविधा जैसी अन्य आधुनिक शिक्षा नीतियों से लैस होंगी।

इसके अंतर्गत स्कूलों को हरित विद्यालय के रूप में भी विकसित किया जाएगा।

PM SHRI Yojana के माध्यम से स्कूलों में प्राइमरी से लेकर 12वीं क्लास तक की पढ़ाई को बेहतर ढंग से प्रदान किया जा सकेगा।

इस योजना के अंतर्गत स्कूलों में अत्याधुनिक लैब भी स्थापित किए जाएंगे, जिससे विद्यार्थी किताबी ज्ञान के साथ-साथ प्रैक्टिकल भी सीख सकें।

इन स्कूलों में स्पोर्ट्स पर भी ध्यान दिया जाएगा ताकि बच्चों का शारीरिक विकास भी हो सके।

Source – Internet   
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