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Organ Donation – अंगदान कर अमर हो गए राजेश सराफ

परिवार के निर्णय से मिल गई लोगों को नई जिंदगी

Organ Donationबैतूल मरकर भी राजेश सराफ अमर हो गए। बे्रन डेड होने पर परिजनों ने अंगदान का निर्णय लिया और तत्काल ही उनके किडनी, लीवर और नेत्र का दान किया गया। दरअसल बैतूल में शिक्षा विभाग में पदस्थ स्व. टीसी सराफ के बड़े बेटे राजेश सराफ जो कि प्रायवेट सेक्टर में नौकरी करते थे। 64 वर्ष की आयु में उनको ब्रेन ट्यूमर हो गया था। जिनका उपचार चल रहा था। तीन दिन पहले उन्हें जबलपुर के मेट्रो हास्पिटल में भर्ती किया गया जहां 20 सितम्बर को डॉक्टरों ने ब्रेन डेड घोषित कर दिया था।

डॉक्टरों की सलाह पर परिजनों ने आर्गेन डोनेशन का निर्णय लिया। राजेश सराफ के छोटे भाई ब्रजेश सराफ ने बताया कि इसको लेकर तत्काल तैयारी की गई और कल आर्गेन डोनेशन किए गए जिसमें लीवर, किडनी और नेत्र शामिल है। लीवर भोपाल के बंसल हास्पिटल भेजा गया है, इसके अलावा बाकी अंग डोनेशन कराने वाली संस्था किरण फाउंडेशन के माध्यम से जरूरतमंद मरीजों को दिए जाएंगे।

श्री सराफ ने बताया कि लीवर भोपाल भेजने के लिए पहले हेलीकाप्टर की व्यवस्था मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने करवाई थी लेकिन देर शाम होने के कारण हेलीकाप्टर के बजाए सडक़ मार्ग से भोपाल ले जाने की व्यवस्था की गई।

इसके लिए साढ़े तीन सौ किमी. लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। इसके पहले 205 किमी. लंबा ग्रीन कारिडोर बनाया गया था। इसकी तुलना में यह सबसे लंबा ग्रीन कारिडोर है जिससे लीवर बंसल हास्पिटल भोपाल ले जाया गया। श्री सराफ के अंगदान होने से तीन लोगों को नई जिंदगी मिल जाएगी। मानवता की दिशा में किए गए इस प्रयास की सभी ने मुक्तकण्ठ से प्रशंसा की है।

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