कांग्रेस में नई टीम को दी प्रदेश की जिम्मेदारी
MP Congress – भोपाल/बैतूल – 1980 में छिंदवाड़ा केे सांसद बनने के बाद से ही समीपस्थ जिले बैतूल की कांग्रेस में कमलनाथ का हस्तक्षेप इतना हो गया था कि कांग्रेस हाईकमान भी कमलनाथ के आगे बेबस दिखाई देता था और हर विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कमलनाथ के छिंदवाड़ा निवास की परिक्रमा और जय-जय कमलनाथ के नारे लगाने वालों को ही टिकट प्राप्त करने में सफलता मिलने लगी। और धीरे-धीरे जय-जय कमलनाथ के नारे ने कांग्रेस जिंदाबाद के नारों को भुला दिया था। इसी तरह से जनवरी 2023 में ही बैतूल सहित मध्यप्रदेश के हर शहर में इस तरह के होर्डिंग लगाए गए थे कि छंटेगा अब अंधकार, आ रही है कमलनाथ सरकार और कमलनाथ को भावी मुख्यमंत्री बनाए जाने के फ्लैक्स भी लगने लगे थे। जबकि इन फ्लैक्सों में आ रही कांग्रेस सरकार लिखा जाना था।
राजनैतिक समीक्षकों का ऐसा मानना है कि इस तरह की राजनैतिक चमचागिरी ने ही कांग्रेस की लुटिया डुबाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। क्योंकि इस तरह के नारे लगाने वालों को ही सत्ता और संगठन में तवज्जो मिलती रही और कांग्रेस के वफादार और कर्मठ कार्यकर्ता निराश होकर खुद ही साइड लाइन हो गए थे।
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गत दिवस कांग्रेस हाईकमान ने अचानक कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाकर बड़ा झटका दिया। और कमलनाथ के विश्वस्थ नहीं माने जाने वाले इंदौर के जुझारू नेता जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बना दिया। राजनैतिक सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ स्वयं नेता प्रतिपक्ष बनना चाहते थे लेकिन इस पद पर भी कांग्रेस ने जिन उमंग सिंगार को बैठाया है उनसे भी कमलनाथ की पटरी नहीं बैठती थी। इस तरह से कांग्रेस हाईकमान ने ऐसी टीम उतारी है जो नए सिरे से प्रदेश में कांग्रेस को पुर्नजीवित करने के लिए गुटीय मठाधीशों से दूर रहते हुए काम करेगी।
प्रदेश के साथ-साथ जिला भी होगा कमलनाथ मुक्त | MP Congress
राजनैतिक समीक्षकों का ऐसा कहना है कि अब प्रदेश में कांग्रेस जिंदाबाद और कांग्रेस हाईकमान जिंदाबाद के नारे सुनाई देंगे और व्यक्ति पूजा की जगह सामूहिक नेतृत्व को महत्व मिलेगा जिसका फायदा पार्टी को आने वाले लोकसभा, नगरीय निकायों, सहकारिता, पंचायत और अन्य चुनाव में मिल सकता है। वहीं साइड लाइन हुए कई जुझारू और सक्रिय नेता भी कांग्रेस की नई टीम से जुड़ेंगे और नई टीम भी ऐसे वफादार लोगों को आगे लाने में संकोच नहीं करेगी।
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