BJP की प्रचंड जीत के बाद मोहन यादव बने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,

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BJP की प्रचंड जीत के बाद मोहन यादव बने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री,

Madhya Pradesh New CM Mohan Yadav: चुनावी नतीजे घोषित होने के कई दिन बीत जाने के बाद आखिरकार सोमवार को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद का फैसला हो गया. मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री मोहन यादव होंगे. भोपाल में पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में भारतीय जनता पार्टी के सभी विधायकों की हुई बैठक के बाद मुख्यमंत्री पद पर सहमति बनी. मालूम हो कि मोहन यादव उज्जैन दक्षिण से हैं पार्टी के विधायक हैं. मालूम हो कि मोहन यादव शिक्षा मंत्री की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं. मोहन यादव तीसरी बार ही विधायक बने हैं. वहीं, केद्रीय मंत्री रहे नरेंद्र सिंह तोमर को मध्यप्रदेश विधानसभा का स्पीकर बनाया गया है.

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BJP की प्रचंड जीत

इससे पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत BJP के तीनों केंद्रीय पर्यवेक्षक नवनिर्वाचित पार्टी विधायकों की बैठक में हिस्सा लेने और राज्य के अगले मुख्यमंत्री पर फैसला करने के लिए सोमवार को भोपाल पहुंचे थे. BJP ने 17 नवंबर के चुनाव के बाद 230 सदस्यीय विधानसभा में 163 सीटें जीतीं और मध्यप्रदेश में सत्ता बरकरार रखी, जबकि कांग्रेस 66 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक मनोहर लाल खट्टर, OBC मोर्चा के प्रमुख के. लक्ष्मण और सचिव आशा लाकड़ा विशेष विमान से भोपाल पहुंचे थे. भोपाल एयरपोर्ट पर प्रदेश पार्टी अध्यक्ष वीडी शर्मा और अन्य नेताओं ने उनका स्वागत किया. मालूम हो कि मध्यप्रदेश में BJP दो दशक में 5वीं बार सरकार बनाने जा रही है. इससे पहले वह 2003, 2008, 2013 और 2020 में राज्य में सत्ता में आई थी.

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BJP ने MP में भेजा पर्यवेक्षक

साल 2004 के बाद यह तीसरा मौका था जब BJP ने मध्यप्रदेश में केंद्रीय पर्यवेक्षक भेजे हैं. अगस्त 2004 में, जब उमा भारती ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, तो पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रमोद महाजन और अरुण जेटली को राज्य में केंद्रीय पर्यवेक्षकों के रूप में भेजा गया था. नवंबर 2005 में, जब बाबूलाल गौर ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, तो विधायकों को नया मुख्यमंत्री चुनने में मदद करने के लिए राजनाथ सिंह को केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भेजा गया था. उस वक्त शिवराज सिंह चौहान को विधायक दल का नेता चुना गया था. इस बार BJP ने चौहान को मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश किए बिना विधानसभा चुनाव लड़ा. चौहान चार बार के मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने 2005, 2008, 2013 और 2020 में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.