Marigold flowers: दिल को खुश करने वाली खुशबू बिखेरने वाले गेंदे के फूल ग्रामीण किसानों की आर्थिक उन्नति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। खासकर दीपोत्सव के समय, जब इन फूलों की मांग बढ़ जाती है, यह किसानों के लिए अच्छे लाभ का अवसर बनता है।ग्रामीण क्षेत्रों में गेंदे के फूलों की खेती आमतौर पर की जाती है। दीपावली के दौरान, जब फूलों की बिक्री अपने उच्चतम स्तर पर होती है, किसान इन फूलों को मंडी में बेचकर अच्छी आमदनी कर सकते हैं। किसानों ने अपने खेतों में गेंदे के फूल लगाए हैं, जो अब खिलकर बाजार में बिकने के लिए तैयार हैं। इन फूलों की माला शहर में विभिन्न दुकानों पर 40 से 70 रुपये की कीमत में बिकती है, जबकि आम दिनों में इसकी कीमत 30 से 40 रुपये होती है।लुन्हेरा के किसान बाबूलाल मुकाती, मोराड़ के जगदीश चौहान, और सुरेश मुवेल ने बताया कि उन्होंने खरीफ मौसम में फूलों की खेती शुरू की थी।
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उन्होंने प्रतिदिन अपने पौधों की देखरेख की, और अब वे इन फूलों को तोड़कर मंडी में बेच रहे हैं। दीपावली पर वे अपनी दुकानों में फूलों की बिक्री भी करेंगे, क्योंकि इस समय इनसे अच्छी आमदनी होती है।सिंघाना रोड, धार रोड, और इंदौर रोड पर कई दुकानें लगती हैं, जहां फूल माला 40 से 70 रुपये के बीच बिकती है। किसानों का कहना है कि जब फूलों की उपलब्धता अधिक होती है, तो कीमतें कम होती हैं, और जब कम होती है, तो कीमतें बढ़ जाती हैं। दीपावली पर, फूलों की कीमत 100 रुपये प्रति किलो तक भी पहुंच जाती है।हालांकि, हाल की बारिश ने भी किसानों को नुकसान पहुंचाया है। एक देवरा के किसान ने बताया कि उन्होंने वर्षा ऋतु में पांच हजार फूल के पौधे लगाए थे, लेकिन सितंबर-अक्टूबर में आई बाढ़ ने अधिकांश पौधों को जलमग्न कर दिया। इससे उन्हें भारी नुकसान हुआ, और केवल 40 प्रतिशत पौधे ही बचे।बचे हुए पौधों की देखभाल के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की, खाद, पानी और दवाओं का उपयोग किया, और अब दीपावली पर अच्छे उत्पादन की उम्मीद कर रहे हैं। इससे न केवल उनके परिवार में खुशी का माहौल बनेगा, बल्कि उनके प्रयासों का फल भी मिलेगा।
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