Mahashivratri 2023 – जाने सबसे पहले किसने चढ़ाई थी महादेव को बेल पत्र, क्या थी वजह  

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Mahashivratri 2023 आप सभी को जैसा मालूम है  फरवरी का महीना चल  रहा है और इन दिनों पुरे देश में महाशिवरात्रि की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। महाशिवरात्रि का पावन पर्व 18 फरवरी को मनाया जाएगा | मान्यता के अनुसार भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना मन से की जाए तो आपकी सभी मनोकामए पूर्ण होती हैं |

भोलेनाथ की पूजा के दौरान कई चीज़ें इस्तमाल की जाती है जिससे की महदेव प्रसन्न होते हैं लेकिन महादेव को इन सब में से जो सबसे ज्यादा प्रिय चीज़ है वो है बेलपत्र | बिना इसके इनकी पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए जानते हैं की आखिर किसने सबसे पहले महादेव को बेलपत्र अर्पित की। और आखिर बेलपत्र और शिव जी के बीच क्या संबंध क्या है |

समुद्र मंथन से जुड़ी है मान्यता | Mahashivratri 2023

सहस्त्र पुराण के मुताबिक समुद्र मंथन के दौरान जब विष निकला था उससे सृष्टि के विनाश का खतरा मंडरा रहा था. इसके कारण देवी देवता जीव जंतु सभी में हाहाकार मचा हुआ था. जिसके बाद सभी मिलकर शिव जी की पूजा करने लगे. तीनों लोको में त्राहिमान मचता देख भगवान शिव ने विष का प्याला पी लिया था.

  • भोलेनाथ (Bholenath) के विष पीने के कारण उनके दिमाग में गर्मी बढ़ने लगी जिसको शांत करने के लिए देवी-देवताओं ने उन्हें जल और बेलपत्र चढ़ाना शुरू कर दिया जिसके बाद से शिव जी को शांत और खुश करने के लिए भक्तगण उन्हें बेलपत्र चढ़ाते हैं. 
  • लेकिन बेलपत्र को लेकर एक और मान्यता है कि जब देवी पार्वती तप करने के बावजूद नीलकंठ को प्रसन्न नहीं कर पाईं तो उन्होंने बेलपत्र पर राम लिखकर भोलेबाबा को चढ़ाया था जिसके बाद महादेव खुश हुए थे. इसलिए बिना बेलपत्र चढ़ाए उनकी पूजा को पूर्ण नहीं माना जाता है.

Source – Internet 

(Disclaimer – ऊपर दी गई जानकारी सामान्य मान्यता पर आधारित है, खबरवाणी इसकी पुष्टि नहीं करता है।) 

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