किसान भाई मेथी की खेती से भी अच्छा मुनाफा कर सकते है इस तरह से करे मेथी की खेती होगा अच्छा लाभ।

जानिए, मेथी की खेती के फायदे और कैसे पाएं बेहतर उत्पादन

आज के दौर में किसान अधिक लाभदायक फसलों की खेती की ओर आकर्षित हो रहे हैं। कई किसानों ने समय के साथ अपनी खेती के तौर-तरीकों में बदलाव किया है। किसानों ने पारंपरिक फसलों की खेती के बजाय कम समय में लाभदायक फसलों की खेती शुरू कर दी है। इसमें कई किसान मेथी की खेती कर काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। मेथी से लाभ कमाने के दो तरीके हैं। हरी अवस्था में मेथी के पत्ते और इसके बीजों को सूखी अवस्था में बेचकर किसान बहुत अच्छा लाभ कमा सकते हैं। मेथी की सब्जी बनाई जाती है जो शरीर के लिए फायदेमंद होती है।

शुगर और डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है मेथी दाना

शुगर और डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है मेथी दाना
मेथी के दानों को मेथी के दाने कहा जाता है। मेथी के दानों का प्रयोग कई रोगों में किया जाता है। शुगर और डायबिटीज के मरीजों के लिए मेथी का सेवन काफी फायदेमंद माना जाता है। मेथी के गुणों को देखते हुए इसकी बाजार में मांग भी अच्छी है। किसान भाई इसकी खेती करके बहुत अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। आज हम आपको ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से मेथी की किस्में, बुवाई की विधि और मेथी की देखभाल के साथ-साथ उससे होने वाली आय की जानकारी देंगे। आशा है यह जानकारी हमारे किसान भाइयों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी।

मेथी में पाए जाने वाले पोषक तत्व

मेथी में पाए जाने वाले पोषक तत्व
मेथी में कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं जो कई बीमारियों में फायदेमंद होते हैं। इसमें सोडियम, जिंक, फॉस्फोरस, फोलिक एसिड, आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम और विटामिन ए, बी और सी जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें फाइबर, प्रोटीन, स्टार्च, शुगर, फॉस्फोरिक एसिड जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। मेथी की प्रकृति गर्म होती है, इसलिए इसे सर्दियों में इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है।

मेथी के बीज के अधिक सेवन से क्या नुकसान हो सकते हैं

मेथी के बीज के अधिक सेवन से क्या नुकसान हो सकते हैं
इसका प्रयोग सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से कुछ नुकसान भी हो सकता है। उदाहरण के लिए गैस, अपच आदि की शिकायत हो सकती है। इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। मेथी के अधिक सेवन से एलर्जी जैसी समस्या हो सकती है। इसके अलावा मेथी के अधिक सेवन से त्वचा में जलन, रैशेज हो सकते हैं।

मेथी की बेहतर पैदावार के लिए इन किस्मों का करें चुनाव

मेथी की बेहतर पैदावार के लिए इन किस्मों का करें चुनाव
मेथी का बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के लिए उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए। मेथी की उच्च उपज देने वाली किस्में पूसा कसूरी, आरएमटी 305, राजेंद्र क्रांति, एएफजी 2, हिसार सोनाली हैं। इसके अलावा हिसार सुवर्णा, हिसार माधवी, हिसार मुक्ता, एएएफजी 1, आरएमटी 1, आरएमटी 143, आरएमटी 303, पूसा अर्ली बंचिंग, लैम सिलेक्शन 1, सीओ 1, एचएम 103 जैसी किस्में आदि भी अच्छी किस्मों में गिने जाते हैं। मेथी का।

मेथी की खेती के लिए उपयुक्त समय (मेथी की खेती)

मेथी की खेती के लिए उपयुक्त समय (मेथी की खेती)
मेथी की बेहतर खेती के लिए इसे मैदानी इलाकों में सितंबर से मार्च तक बोया जाता है। वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में बुवाई का उपयुक्त समय जुलाई से अगस्त तक है। यदि आप इसकी खेती सब्जी के लिए कर रहे हैं तो इसकी बुवाई 8-10 दिनों के अंतराल पर करनी चाहिए। ताकि ताजी सब्जियां हर समय उपलब्ध रहे। और अगर आप इसके बीज के लिए इसे बोना चाहते हैं तो इसे नवंबर के अंत तक बोया जा सकता है।

मेथी की खेती के लिए जलवायु और भूमि

मेथी की खेती के लिए जलवायु और भूमि
वैसे मेथी की खेती हर तरह की मिट्टी में की जा सकती है। लेकिन इसकी बेहतर उपज के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी अच्छी होती है। मिट्टी का पीएच मान 6-7 के बीच होना चाहिए। वहीं अगर मेथी की खेती के लिए जलवायु की बात करें तो इसकी खेती के लिए ठंडी जलवायु बहुत अच्छी होती है। यह एक गर्म गमले का पौधा है, इसलिए इसमें पाला सहने की क्षमता अधिक होती है। अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों में इसकी खेती नहीं की जा सकती है।

मेथी बोने की विधि

मेथी बोने की विधि
अधिकांश किसान इसे छिड़काव विधि से करते हैं। लेकिन इसे एक पंक्ति में बोना बेहतर है। कतार में बिजाई करने से निराई करना आसान हो जाता है और फसल खरपतवार मुक्त हो जाती है। बुवाई के समय इस बात का ध्यान रखें कि खेत में नमी हो। यदि आप इसे एक पंक्ति में बो रहे हैं, तो पंक्ति से पंक्ति की दूरी 22.5 सेमी रखी जानी चाहिए। बीजों को 3 से 4 सेमी की गहराई तक बोना चाहिए। बुवाई के लिए हमेशा प्रमाणित बीज ही लें।

मेथी के बीज का इलाज कैसे करें

मेथी के बीज का इलाज कैसे करें
बीज बोने से पहले उनका उपचार कर लेना चाहिए ताकि फसल में कीट और रोग का प्रकोप कम हो। इसके लिए बीजों को 8 से 12 घंटे के लिए पानी में भिगो दें। बीजों को मिट्टी जनित कीटों और बीमारियों से बचाने के लिए, बीज को थीरम @ 4 ग्राम और कार्बेन्डाजिम 50% डब्ल्यूपी @ 3 ग्राम / किग्रा बीज से उपचारित करें। रासायनिक उपचार के बाद एज़ोस्पिरिलियम 600 ग्राम + ट्राइकोडर्मा विराइड 20 ग्राम प्रति एकड़ प्रति 12 किलोग्राम बीज से बीज उपचार करें।

मेथी की खेती में खाद और उर्वरक का प्रयोग

मेथी की खेती में खाद और उर्वरक का प्रयोग
मेथी की खेती से पहले खेत की मिट्टी की जांच और उसके परिणामों के आधार पर खाद और उर्वरक का प्रयोग करना चाहिए। आमतौर पर मेथी की बुवाई से लगभग 3 सप्ताह पहले एक हेक्टेयर खेत में औसतन 10 से 15 टन सड़ी हुई खाद या कम्पोस्ट डालना चाहिए। वहीं सामान्य उर्वरता वाली भूमि के लिए 25 से 35 किलोग्राम नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर, 20 से 25 किलोग्राम फास्फोरस और 20 किलोग्राम पोटाश बुवाई से पहले खेत में देना चाहिए।

किसान भाई मेथी की खेती से भी अच्छा मुनाफा कर सकते है इस तरह से करे मेथी की खेती होगा अच्छा लाभ।

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