Insurance Company Claim – वाहन दुर्घटना में पीडि़त को 1 करोड़ 3 लाख रुपये दावा देगी बीमा कंपनी

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प्रथम अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण सदस्य ने सुनाया फैसला

बैतूल – Insurance Company Claim – वर्ष 2018 में हुए सडक़ दुर्घटना के एक मामले में मोटर यान अधिनियम के तहत आहत को 1 करोड़ 3 लाख रुपये दावा राशि के भुगतान का आदेश पारित किया गया है। आवेदक ने माननीय जिला न्यायालय प्रथम अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में याचिका दायर की थी। इसके जरिए मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण द्वारा दावा राशि भुगतान के आदेश पर हर तथ्यों से विचार कर दावा राशि निर्धारण किए जाने के आदेश पारित किए गए हैं।

ट्रक की चपेट में आ गए थे दोनों हाथ(Insurance Company Claim)

प्रथम अतिरिक्त मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण सदस्य माननीय आदेश कुमार मालवीय के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता भक्तनढाना तहसील शाहपुर जिला बैतूल निवासी साहिल अखंडे व उनके पिता नानक अखंडे की ओर से अधिवक्ता राजेंद्र कुमार बघेल ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता साहिल पिता नानक 21 अप्रैल, 2018 को शाम 6 बजे के लगभग शाहपुर भक्तनढाना स्थित गोलू की पान की दुकान के पास खड़ी मोटरसाईकिल पर बैठा था। इसी दौरान अनावेदक रउफ खान ने ट्रक क्रमांक एमपी – 09 – जीई -0224 को तीव्र गति एवं लापरवाही से चलाकर दुर्घटनास्थल पर अपने साईड में खड़ी उक्त मोटरसाईकिल को सामने से टक्कर मारकर दुर्घटना कारित की। आवेदक साहिल अखंडे मोटरसाईकिल पर पीछे बैठा था, टक्कर लगने से वह रोड पर गिरा और उसके दोनों हाथ ट्रक के टायर से कुचलकर दोनों हाथ के पंजे टूटकर घटनास्थल पर ही अलग हो गये थे। जिससे उसे 100 प्रतिशत स्थाई अपंगता आई है। दुर्घटना के पूर्व आवेदक 12 वर्ष की आयु का होकर कक्षा पांचवीं का होनहार विद्यार्थी था, दुर्घटना के कारण आवेदक के हाथ कट जाने से वह लिखने व दैनिक कार्य करने में पूर्णत: अक्षम होकर पढ़ाई से वंचित हो गया और उसका विद्यार्थी, युवा जीवन दूसरों के सहारे होकर वह निराश्रित जीवन-यापन कर रहा है, उसकी पढ़ाई बंद हो गई है।

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इन तथ्यों के आधार पर सुनाया फैसला(Insurance Company Claim)

आवेदक की ओर से तर्क किया गया कि घटना के समय आवेदक की उम्र 12 वर्ष रही है, यदि तर्क के लिये आवेदक का जीवन 60 वर्ष की आयु तक का होना माने तो भी प्रत्येक 4 वर्ष में कृत्रिम अंग बदलवाने स्थिति में 60 वर्ष की आयु तक 12 बार आवेदक को उत्तम गुणवत्ता के अपने कृत्रिम अंग बदलवाने होंगे जिनकी लागत भी अत्यधिक होगी जो वह पाने का अधिकारी है। आवेदक के दस्तावेज में 90 प्रतिशत स्थाई अपंगता आना प्रमाणित हुआ है। माननीय सदस्य ने आवेदक की ओर से प्रस्तुत किए गए साक्ष्य एवं दस्तावेजों के आधार पर कुल क्षतिपूर्ति राशि 1 करोड़ 3 लाख 39 हजार 483 रुपये अदायगी का आदेश जारी किया है।

बीमा कंपनी पर अदायगी का प्रथम भार(Insurance Company Claim)

गौरतलब है कि दुर्घटना कारित करने वाला वाहन बीमा कंपनी ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड में बीमित होने के चलते माननीय सदस्य द्वारा फैसला सुनाया गया कि राशि अदायगी का प्रथम भार बीमा कंपनी पर है। हालांकि इस मामले में अनावेदक गणों द्वारा भी उनके पक्ष में तर्क दिए गए थे, लेकिन परिस्थितियों को देखते हुए माननीय सदस्य द्वारा उनके तर्क मान्य नहीं किए गए। आवेदक की ओर से मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता राजेंद्र कुमार बघेल ने अवगत कराया कि इतनी अधिक दावा राशि प्रदान करने का यह संभवत: विशेष मामला है। उन्होंने बताया कि आवेदक की ओर से प्रस्तुत किए गए दस्तावेज के खंडन में अनावेदकों द्वारा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए और ना ही कोई विशेष साक्ष्य प्रस्तुत किए जिसके चलते फैसला आवेदक के पक्ष में सुनाया गया। साथ ही दावा राशि प्रस्तुति दिनांक से 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से देने के आदेश दिए गए।

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