ट्रेनिंग में ही कर दिया कमाल, IFS अधिकारी की हो रही सराहना
IFS Pooja Nagle – बैतूल – फिल्म अभिनेत्री विद्या बालन की फील शेरनी में जिस तरह उन्होंने वन विभाग के अधिकारी की भूमिका निभाई थी जिसमे वन्य प्राणियों को बचाने के लिए कार्य करते हुए दिखाया गया था। उसी तर्ज पर जंगल को बचाने के लिए ट्रैंनिंग ले रही आईएफएस अधिकारी ने भी कुछ ऐसा कर दिखाया की लोग उन्हें शेरनी फिल्म से जोड़ कर देख रहे हैं हैं। वाकई उन्होंने ट्रैनिंग के दौरान जो कमाल किया है उसकी जितनी सराहना की जाए कम है।
बैतूल में पदस्थ लेडी ट्रेनी आईएफएस अफसर उस समय चर्चा में आ गईं जब उन्होंने कार्यवाही करते हुए बैतूल के जंगल से काटी गई लकड़ी राजस्थान के वन माफिआओं के पास से बरामद कर ले आईं। इसके साथ ही इस मामले में दो आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। इस कार्यवाही के बाद लोग लेडी अफसर की सराहना करते नहीं थक रहे हैं।
वन माफिया ले गए थे लकड़ियां | IFS Pooja Nagle
दरअसल मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के अंतर्गत आने वाले दक्षिण वन मंडल क्षेत्र के महुपानी जंगल से महीने भर पहले सागौन के 22 पेड़ को अवैध रूप से काट कर उसकी लकड़ियां वन माफिया ले गए थे। क्यूंकि ये क्षेत्र जिले के ताप्ती वन परिक्षेत्र में आता है और यही पर लेडी आईएफएस अफसर पूजा नागले प्रभारी अधिकारी हैं जो की रेंजर की ट्रेनिंग ले रही हैं।
जब इस अवैध सागौन कटाई के मामले की जानकारी पूजा नागले को लगी तो उन्होंने इस मामले को चुनौती के रूप में लिया। इस मामले के सामने आते ही वन विभाग में उथल पुथल मच गई। मामले की कार्यवाही के लिए दक्षिण वन मंडल के प्रभारी डीएफओ वरुण यादव ने एक टीम गठित की जिसकी कमान खुद पूजा नागले के हाथों में थी। कार्यवाही की शुरुआत में मुखबिरों की सहायता ली गई और जिनसे जानकारी प्राप्त हुई की जंगल से काटी गई सागौन जिस ट्रक से ले जाई गई है उसे विष्णु पिपलोदे उर्फ़ भूरा चलाता है।
चौकाने वाले मामले का खुलासा | IFS Pooja Nagle
ड्राइवर के बारे में जानकारी मिलते ही सबसे पहले वन विभाग की टीम ने उसे पकड़ा और उससे शख्ती से पूछताछ की गई। जिसके बाद भूरा ने वन अमले के सामने एक चौकाने वाले मामले का खुलासा किया। भूरा ने जानकारी देते हुए बताया की जो लकड़ी जंगल से काटी गई है उसे सड़क मार्ग से ट्रक के माध्यम से राजस्थान के भीलवाड़ा पहुँचाया गया है। और वहां बेच दिया गया है।
जैसे ही वन विभाग की टीम को ये पता चला की लकड़ी राजस्थान पहुँच गई तो उनके मन में सवाल आया की आखिर सड़क मार्ग से लकड़ी वहां पहुंची कैसे क्यूंकि रस्ते में वन विभाग के कई बैरियर और नाके पड़ते हैं। उसके बाद विभाग के सामने चुनौती आती है की ट्रेनी आईएफएस अफसर किस तरह इस पूरे मामले में कैसे कार्यवाही करेगी। इस पूरे मामले को लेकर वरिष्ठ अधिकारीयों ने चर्चा की और फिर पूजा नागले को डीएफओ वरुण यादव ने राजस्थान जा कर लकड़ी बरामद करने की परमिशन देदी।
आरा मशीन पर छापा | IFS Pooja Nagle
इस पूरी कार्यवाही में 13 वन कर्मी शामिल थे जो की 11 मई को बैतूल से राजस्थान के लिए निकले थे और 700 किलोमीटर का सफर करके राजस्थान के भीलवाड़ा पहुंचे। कार्यवाही के अंतर्गत 12 मई को टीम द्वारा भीलवाड़ा के हरिपुर गांव की आरा मशीन पर छापा मारा गया जहाँ अवैध लकड़ी बेचीं गई थी। वन अमले को देख कर आरा मशीन पर हड़कंप मच गया और कर्मचारी इधर उधर भागने लगे। जब आरा मशीन के मालिक को वन अमले द्वारा बुलवाया गया तो मशीन का मालिक रामेश्वर सुथार अपनी ऊंची पहुँच का रौब दिखाने लगा लेकिन जैसे ही जैसे वन विभाग की टीम द्वारा सख्ती दिखाई गई तो वो सामने आया और उसने पूरी जानकारी टीम को दी।
इस पूरे अभियान में 57 घंटे का समय लगा जिसमे वन विभाग की टीम ने बिना रुके काम किया 13 मई को टीम आरा मशीन से जप्त 13 घन मीटर सागौन के साथ वापस बैतूल आई, वन विभाग की टीम को आरा मशीन के मालिक ने बताया की गोकुल विश्नोई नाम के व्यक्ति ने उसे 7 लाख में लकड़ी बेची थी। जबकि इस लकड़ी की सरकारी कीमत 12 लाख रूपये है।
इस कार्यवाही में वन विभाग की टीम ने ट्रक ड्राइवर भूरा और आरा मशीन मालिक रामेश्वर सुथार को गिरफ्तार कर लिया है इसके साथ ही अभी वन माफिया गोकुल बिश्नोई, भजन बिश्नोई और दीपक तीनों फरार है । ये तीनों हरदा जिले के रहने वाले हैं ।