IAS Success Story: आईएएस की कहानी रुला देगी 

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शिबाब ने यूपीएससी समेत 21 सरकारी परीक्षा पास की

IAS Success Story: आईएएस मोहम्मद अली शिबाब की कहानी वास्तव में प्रेरणादायक है। उनका जीवन संघर्षों और चुनौतियों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने कठिन हालातों के बावजूद सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचे।शिबाब का जन्म केरल के मलप्पुरम जिले में एक गरीब परिवार में हुआ था। उनका बचपन काफी कठिनाई भरा था, और परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि उन्हें अपने पिता के साथ बांस की टोकरियां बेचकर घर चलाने में मदद करनी पड़ती थी। लेकिन 1991 में, उनके पिता का बीमारी से निधन हो गया, जिससे उनके जीवन में एक बड़ा दुख और संघर्ष का नया दौर शुरू हुआ।पिता की मृत्यु के बाद, शिबाब को 10 साल तक अनाथालय में रहना पड़ा। इस कठिन समय में भी उन्होंने शिक्षा को प्राथमिकता दी और लगातार मेहनत करते रहे। शिबाब का मानना था कि शिक्षा ही उनके जीवन को बदल सकती है। अनाथालय में रहने के दौरान उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से पढ़ाई जारी रखी और अपने जीवन को बदलने का संकल्प लिया।शिबाब की मेहनत रंग लाई, और उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की, जो कि भारत में सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। उन्होंने 2011 में आईएएस अधिकारी के रूप में चयन प्राप्त किया, जो न केवल उनके लिए बल्कि उन सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।उनकी यह यात्रा यह सिखाती है कि मुश्किलें चाहे जितनी भी बड़ी क्यों न हों, दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से सब कुछ संभव है। मोहम्मद अली शिबाब आज उन लाखों लोगों के लिए प्रेरणा हैं जो अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, और उनकी कहानी हमें यह बताती है कि कोई भी संघर्ष इतना बड़ा नहीं होता जिसे मेहनत और इच्छाशक्ति से पार न किया जा सके।फातिमा नाम की एक अकेली मां ने अपने चार बच्चों को बड़े संघर्षों के बावजूद संभाला।

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आर्थिक कठिनाइयों के कारण, उन्हें अपने तीन बच्चों को अनाथालय भेजना पड़ा, जिसमें शिबाब भी शामिल थे। अनाथालय में बिताए 10 वर्षों के दौरान, शिबाब ने शिक्षा प्राप्त की और अपनी मेहनत और लगन से 21 सरकारी परीक्षाएं पास कीं, जिनमें यूपीएससी भी शामिल है।शिबाब ने अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए सरकारी नौकरी की तैयारी की और कई अलग-अलग विभागों में काम किया, जैसे वन विभाग में चपरासी, जेल वार्डन, और रेलवे टिकट परीक्षक। उनकी इस सफलता की यात्रा लाखों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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