आईएएस दीपक रावत को तो सभी अच्छे से जानते हैं क्यूंकि उनकी फील्ड विजिटिंग के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं जिसमे वो अपने तेज़ तर्रार अंदाज से कार्यवाही करते नजर आते है। वो अपने ट्विटर हैंडल पर भी काफी एक्टिव रहते हैं। उनके आईएएस बनने के पहले की कहानी सुन कर आप हैरान रह जाएंगे क्यूंकि वे आईएएस बनने से पहले एक स्क्रैप डीलर(कबाड़ी वाला) बनना चाहते थे। ये बात खुद उन्होंने एक इंटरव्यू में कही है।
आईएएस से पहले बनना चाहते थे कबाड़ी वाला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईएएस बनने से पहले वह पढ़ाई में कमजोर थे और वह एक स्क्रैप डीलर यानी कबाड़ी वाला बनना चाहते थे. ये बात उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में कही है. यूट्यूब चैनल को दिए एक इंटरव्यू में दीपक रावत ने बताया कि बचपन में टूथपेस्ट के पैकेट, खाली डिब्बे, टूटे-फूटे सामान लेकर आता था और घर के बाहर दुकान लगाता था. लोग मुझसे पूछते थे कि बड़े होकर क्या बनना चाहते हो तो मैंने बताया कि कबाड़ी वाला बनना चाहता हूं क्योंकि मुझे रोज अलग-अलग तरह की चीजें देखने को मिलती थीं.
इंटरनेट पर लगातार रहते हैं सुर्ख़ियों में
दीपक रावत ने यह भी कहा कि यह पेशा बड़ा अट्रैक्टिव है और इसमें रोज नई-नई चीजें मिलती हैं. आप जगह-जगह जा सकते हो और एक्सप्लोर कर सकते हो. मैं इसको आज भी मिस करता हूं और मैं अंदर से वैसा ही हूं.
जानिए आईएएस दीपक रावत के बारे में
उत्तराखंड के मसूरी के रहने वाले दीपक रावत का जन्म सन् 1977 को हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई मसूरी से की, इसके बाद उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए दिल्ली की तरफ रुख किया. दीपक रावत ने दिल्ली के हंसराज कॉलेज से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई शुरू की और साथ ही UPSC की तैयारी में जुट गए. हालांकि, पहले दो अटेम्पट में असफल होने के बाद तीसरे प्रयास में सफलता अर्जित की. अब वह उत्तराखंड के हरिद्वार में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के तौर पर कार्यरत हैं.
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