एमपीआरडीसी के टोल प्लाजा पर नहीं है फास्टैग सुविधा, नियमों का नहीं हो रहा पालन, नगद ली जाती है राशि

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बैतूल। मध्यप्रदेश रोड डव्लपमेंट कारर्पोरेशन लिमिटेड (एमपीआरडीसी) के कोथलकुण्ड स्थित टोल प्लाजा पर फास्टैग सुविधा ना होने से ठेकेदार वाहनों से नगद राशि लेते हैं। 2021 में सरकार ने फास्टैग को अनिवार्य कर दिया था और जिस वाहन में फास्टैग नहीं है उसे टोल प्लाजा पर दोगुना शुल्क देना पड़ता है। मध्यप्रदेश सरकार की एजेंसी भारत सरकार के बनाए गए नियमों का पालन नहीं कर रही है। जिसके कारण वाहन चालकों को इस टोल प्लाजा से निकलने में काफी समय बर्बाद करना पड़ता है।

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समय होता है खराब

बैतूल-परतवाड़ा मार्ग कोथलकुण्ड में एमपीआरडीसी का टोल प्लाजा है जहां पर भारत सरकार के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। सरकार ने 16 फरवरी 2021 से नियम लागू किया था कि फास्टैग अनिवार्य है और जिसके पास फास्टैग नहीं है उसके ऊपर एनएचएआई जुर्माना लगा सकता है। इसका उद्देश्य यह था कि वाहन निकलने में समय की बर्बादी ना हो और टोल प्लाजा वाहनों की लंबी कतार नहीं लगे। कोथलकुण्ड टोल प्लाजा पर फास्टैग ना होने के कारण बैतूल से महाराष्ट्र की ओर जाने वाले वाहनों को रूककर टोल प्लाजा की राशि नगद देनी पड़ रही है जिससे उनका समय अधिक बर्बाद हो रहा है और वाहनों की कतारें भी लगी रहती है।

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टैक्स लेने के बाद भी जर्जर हुई सडक़

ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह से सडक़ की मरम्मत अस्थायी ही साबित होगी, और कुछ ही दिनों में फिर से गड्ढे बन जाएंगे। इससे न केवल भ्रष्टाचार उजागर होता है बल्कि आम जनता के साथ धोखा भी किया जा रहा है। लोग अच्छी सडक़ों के लिए टैक्स चुकाते हैं लेकिन घटिया सामग्री का उपयोग करके मेंटनेंस कंपनी जनता के साथ खिलवाड़ कर रही है। इससे पहले भी खराब सडक़ों और मेंटनेंस कार्य में हो रही लापरवाही की शिकायत कई बार ग्रामीणों और समाजसेवियों द्वारा की जा चुकी है, लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की ठोस कार्यवाही नहीं हुई।

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