गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज कराने किया अटेम्पट
Guinness World Record – बैतूल – देश और दुनिया में रचे जाने वाले कीर्तिमानों को अपने नाम करने के लिए गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया जाता है। इसी तरह का एक प्रयास आदिवासी बाहुल्य बैतूल जिला मुख्यालय पर एक युवक ने भी किया है। नगर के अधिवक्ता आदित्य पचौली ने सबसे तेज साफा बांधने के लिए गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में एप्लाई किया था जिसका अटेम्पट आज किया है।
श्री पचौली ने मात्र 14 सेकंड 41 माइक्रो सेकंड में एक व्यक्ति के सिर पर सबसे तेज साफा बांधने का रिकार्ड कायम कर गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड के लिए भेजा है। अगर यह रिकार्ड मान्य हो जाता है तो निश्चित रूप से श्री पचौली के नाम साफा बांधने के दो रिकार्ड दर्ज हो जाएंगे। इससे पहले भी उन्होंने सबसे बड़ा पानी की टंकी पर साफा बांधने का रिकार्ड गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में अपने नाम दर्ज करा चुके हैं।
यह था मेजरमेंट | Guinness World Record
दित्य पचौली ने 22 फरवरी 2022 को गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड के लिए सबसे तेज साफा बांधने का एप्लाई किया था। जिसको लेकर आज क्षत्रपति शिवाजी आडिटोरियम में उन्होंने यह अटेम्पट किया जिसमें सबसे पहले मेजरमेंट सर्वेयर इंजीनियर प्रखर पगारिया ने साफा बांधने वाले कपड़े का मेजरमेंट किया। इस कपड़े की लंबाई 4.25 मीटर, चौड़ाई 1 मीटर नापा गया।

चंद सेकंड में बांध दिया साफा
आदित्य पचौली ने अटेम्पट के दौरान टाईम कीपर बलदेव अरोरा और डॉ. अभिनीत सरसोदे की उपस्थिति में टाईमर के अनुसार एडव्होकेट मोहित के सिर पर मात्र 14 सेकंड 41 माईक्रो सेंकंड में साफा बांध दिया। इतने तेज बांधे गए साफा को देखकर उपस्थित लोगों ने तालियां बजाकर उनका उत्साहवर्धन किया।
इस दौरान गवाह के रूप में राजेश वडिय़ालकर और अधिवक्ता नीरज गिरी उपस्थित थे। इस पूरे अटेम्पट को जिले के प्रसिद्ध फोटोग्राफर रानू हजारे ने कैमरे में कैद किया। श्री पचौली ने पूरे अटेम्ट को गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड के द्वारा भेजे गए मापदण्ड के तहत पूरा किया।
इसके पहले भी बनाया था रिकार्ड | Guinness World Record
पिछले 15 साल से साफा बांधने का कार्य कर रहे आदित्य पचौली ने इसके पहले भी एक रिकार्ड अपने नाम दर्ज कराया था। उन्होंने 750 लीटर पानी की टंकी पर 132.28 मीटर लंबाई और 261 मीटर चौड़ाई के कपड़े का उपयोग कर साफा बांधा था। यह साफा 39 मिनट 4 सेकंड में बांधा गया था। इस रिकार्ड को गिनीज बुक में दर्ज कराया गया है। श्री पचौली के द्वारा दूसरा रिकार्ड दर्ज कराने के लिए आज अटेम्ट किया गया है।