Gen-Z: नेपाल की राजनीति में बड़ा भूचाल देखने को मिला है। जनरेशन Z आंदोलन (Gen-Z Movement) के बाद नेपाल में एक अंतरिम सरकार (Interim Government) का गठन किया गया है, जिसकी अगुवाई पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुषिला कार्की (Sushila Karki) कर रही हैं। इस बीच, नेपाल के निर्वाचन आयोग (Election Commission of Nepal) ने प्रतिनिधि सभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। अब नेपाल में लोकतांत्रिक सरकार का गठन 5 मार्च 2026 को होने वाले आम चुनावों के बाद होगा।
निर्वाचन आयोग ने जारी की चुनाव की पूरी रूपरेखा
नेपाल निर्वाचन आयोग ने अपने बयान में कहा है कि स्वीकृत कार्यक्रम में चुनाव से जुड़ी सभी प्रमुख प्रक्रियाएं शामिल हैं — जैसे कि पंजीकरण, मतदान और मतगणना। आयोग के अनुसार, राजनीतिक दलों को 16 नवंबर से 26 नवंबर 2025 तक चुनावों के लिए पंजीकरण कराना होगा। वहीं, अगर कोई नया राजनीतिक दल चुनाव में भाग लेना चाहता है, तो उसे 15 नवंबर तक पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
कब होगा मतदान?
निर्वाचन आयोग के अनुसार, चुनाव प्रचार अभियान 15 फरवरी से 2 मार्च 2026 तक चलाया जा सकेगा। राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों की सूची 2 और 3 जनवरी 2026 को प्रस्तुत करनी होगी। मतदान 5 मार्च 2026 को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक कराया जाएगा। मतदान समाप्त होने के बाद, उसी दिन बैलेट बॉक्स एकत्र कर मतगणना की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।
सुषिला कार्की ने संभाली अंतरिम सरकार की कमान
नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रह चुकीं सुषिला कार्की (Sushila Karki) ने 12 सितंबर 2025 को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। 73 वर्षीय कार्की ने कहा है कि उनकी सरकार का मुख्य लक्ष्य है – निर्धारित समय पर आम चुनाव कराना और देश में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना सुनिश्चित करना।
केपी शर्मा ओली को देना पड़ा इस्तीफा
नेपाल की मौजूदा राजनीतिक हलचल की शुरुआत तब हुई जब पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) को जनरेशन Z आंदोलन के दबाव में इस्तीफा देना पड़ा। युवाओं द्वारा संचालित इस आंदोलन ने सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किए, जिसके बाद ओली को पद छोड़ना पड़ा।
नेपाल में लोकतंत्र की नई सुबह की उम्मीद
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सुषिला कार्की की अगुवाई में नेपाल अब एक स्थिर और पारदर्शी लोकतांत्रिक प्रणाली की ओर बढ़ रहा है। अगर मार्च 2026 में चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो जाते हैं, तो नेपाल में एक बार फिर जनता द्वारा चुनी गई सरकार सत्ता में आएगी, जिससे देश में राजनीतिक स्थिरता और विकास की राह खुलेगी।





