धमार्थ की जमीन के व्यवसायीकरण को लेकर सीएम की नाराजगी, पूरे प्रदेश में ईओडब्ल्यू करेगा जांच, जिला प्रशासन करेगा सहयोग
बैतूल -EOW Karegi Janch – मध्यप्रदेश के जबलपुर में बोर्ड ऑफ एज्युकेशन चर्च ऑफ नार्थ इंडिया के चेयरमेन के निवास पर ईओडब्ल्यू के छापे के बाद मिले दस्तावेज से सरकार की नींद उड़ गई है। इस मामले के मामले के सामने आने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीधे हस्तक्षेप करते हुए आनन-फानन में मामले की गंभीर रूप से जांच के आदेश तो दिए ही हैं। साथ ही पूरे प्रदेश में धार्मिक ट्रस्टों को सरकार द्वारा आवंटित की गई जमीन के मद परिवर्तन पर भी गहरी नाराजगी जताई है। श्री चौहान ने कहा है कि उनके पास लगातार पूरे प्रदेश से शिकायत आ रही है कि ट्रस्ट की संस्थाओं को शैक्षणिक, स्वास्थ्य और धर्म स्थल के लिए जो जमीन आवंटित की गई थी, उनका व्यवसायिक उपयोग हो रहा है। इन सभी मामलों में जांच की जाएगी और यह यह जांच ईओडब्ल्यू करेगी। साथ ही जिला प्रशासन भी जांच करेगा। राज्य सरकार इस मामले को गंभीरता से ले रही है।
श्री चौहान ने कहा कि कई जगह से यह भी शिकायत सामने आई है कि स्टाम्प ड्यूटी में धोखाधड़ी कर चोरी की गई। टैक्स नहीं चुकाया गया और कई जगह नाम भी बदल दिया गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान की नाराजगी का असर पूरे प्रदेश के साथ-साथ बैतूल पर भी आगमी दिनों में दिखाई देगा। यहां पर भी बड़े पैमाने पर शैक्षणिक कार्यों के लिए आवंटित की गई ईएलसी चर्च को जमीन का षडय़ंत्र पूर्वक सांठगांठ कर व्यवसायिक उपयोग करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई है।
इन्होंने उजागर किया था मामला
इस मामले को लेकर सलील लारेंस, विनय कुमार लूकस, एडव्होकेट विनय डेवीस और रेवरेंट करीम बर्नवास ने होटल रसोई में संयुक्त रूप से मामला उजागर किया था। । श्री लारेंस ने बताया था कि ईएलसी चर्च को जिस धर्मार्थ के लिए जमीनें मिली थीं। उसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और ऐसी अन्य समाजसेवाओं के उपयोग होना था लेकिन कुछ लोगों ने सांठगांठ और षडय़ंत्र कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाते हुए स्वयं को लाभ पहुंचाने के लिए जालसाजी कर धर्मार्थ की जमीन को व्यवसायिक उपयोग में तब्दील कर दिया और अब इस जमीन का एग्रीमेंट कर व्यवसायिक उपयोग करने का खेल खेला जा रहा है। स्कूल भवन को तोडक़र व्यवसायिक उपयोग के लिए निर्माण कार्य किया जा रहा है। श्री लारेंस ने बताया कि हम इस मामले को लेकर लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं और ईएलसी चर्च की जमीन को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी को लेकर पहले भोपाल के क्राईम ब्रांच थाना में 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि कोठीबाजार स्थित ईएलसी स्कूल भवन तोड़ दिया गया है जहां इसका निर्माण कार्य हो रहा है।
गांधी वार्ड के स्कूल मामले में एफआईआर

गांधी वार्ड स्थित दुर्गा मंदिर के समीप स्कूल की जमीन को बेचने के मामले में सलील लारेंस ने कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज कराई थी। उन्होंने अपने आवेदन में बताया कि इव्हेंनजीकल लूथरन चर्च इन म.प्र. को छल के आशय से संस्था की संपत्ति को विक्रय कर विक्रय राशि को कपट पूर्वक अनुचित लाभ लिया गया। इस मामले में रेव्ह.सुरेंद्र कुमार सुक्का एवं रेव्ह. जार्ज थामस के विरूद्ध धारा 406 का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस को की गई शिकायत में बताया गया है कि इस जमीन को घोड़ाडोंगरी निवासी अनूप अग्रवाल एवं विकास वार्ड बैतूल निवासी दिनेश सोनी ने खरीदा है। जो पैसा संस्था के खाते में आना चाहिए था वह नहीं आया है।
सीएम की घोषणा से जगी न्याय मिलने की आस
ईएलसी चर्च की जमीन मामले में लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे सलील लारेंस ने बताया कि जिन्होंने जमीन छल, कपट के माध्यम से बेची है और जिन्होंने धमार्थ की यह जमीन खरीदी है। दोनों क्रेता और विक्रेता पर भी कार्यवाही की जानी चाहिए। श्री लारेंस ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई घोषणा के बाद अब उन्हें पूरी तरह से उम्मीद जग गई है कि इस मामले में भी प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन द्वारा सख्त कार्यवाही की जाएगी जिससे उन्हें न्याय मिलने की आस भी जाग गई है।
इनके खिलाफ हुई थी एफआईआर
क्रिश्चन समाज के एन के विश्वास ने क्राईम ब्रांच भोपाल में एफआईआर दर्ज कराई थी जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के कट्टर समर्थक छिंदवाड़ा निवासी अशोक चौकसे सहित 11 लोगों पर मामला दर्ज हुआ था। इनमें अनिल मार्टिन, ई पंचू, नितिन सहाय, एसके सुक्का, अनिल मैथ्यूस, जीटी विश्वास, डीके प्रसाद, अशोक कुमार, डीडी खलको, शिवाजी कोकालो पर धारा 470, 467, 468, 471, विदेशी अभिदाय(विनियमन) अधिनियम 1952 की धारा 33/34/35 के तहत 16 फरवरी 2021 को मामला दर्ज किया गया था।
नजूल ने झाड़ा पल्ला
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद बैतूल के ईएलसी प्रकरण को लेकर सांध्य दैनिक खबरवाणी ने पड़ताल की तो पता चला कि जिस गांधी वार्ड स्थित स्कूल के मामले में एफआईआर दर्ज की गई हैं। इसका नामांतरण तत्कालीन नजूल अधिकारी नितिन टाले के द्वारा किया गया था। वहीं ईएलसी चर्च परिसर में व्यवसायिक उपयोग के मामले को लेकर वर्तमान नजूल अधिकारी शिवप्रसाद मंडराह से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि व्यवसायिक अनुमति के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है और उन्होंने कोई अनुमति नहीं दी है। सरकार ने जो घोषणा उसके संबंध में मेरे पास कोई आदेश नहीं आया है। आगे यदि आदेश आएंगे तो उसी अनुसार कार्यवाही की जाएगी।
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