Controversy: गायत्री बाल मंदिर की रजिस्टर्ड जमीन पर बनी मस्जिद को लेकर बड़ा विवाद 

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विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने लगाया आरोप 

Controversy: जबलपुर के रांझी तहसील के मड़ई गांव में गायत्री बाल मंदिर की रजिस्टर्ड जमीन पर बनी एक मस्जिद को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल ने आरोप लगाया है कि मंदिर की जमीन पर अवैध रूप से मस्जिद का निर्माण किया गया है, और वे इसे गिराने की मांग कर रहे हैं। 26 सितंबर को विहिप के विभाग संयोजक सुमित सिंह ठाकुर ने चेतावनी दी थी कि यदि 10 दिनों में प्रशासन कार्रवाई नहीं करता, तो नवरात्र के बाद विवादित स्थल को तोड़ दिया जाएगा।

विवाद का मुख्य बिंदु:

जमीन का खसरा नंबर: विवादित जमीन का खसरा नंबर 169 है, जिसमें राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार, गायत्री बाल मंदिर और एक कोरी परिवार का नाम दर्ज है।मस्जिद कमेटी का दावा: मस्जिद कमेटी का कहना है कि मस्जिद 50 साल पहले से उसी स्थान पर बनी हुई है, और उनके पास सभी वैध दस्तावेज हैं। मस्जिद का एक्सटेंशन कार्य चल रहा था, जिससे भीड़ बढ़ने के कारण आने-जाने में लोगों को परेशानी न हो।विहिप का आरोप: विहिप 2021 से इस जमीन पर कब्जे को लेकर लड़ाई लड़ रही है, और उनका कहना है कि प्रशासन ने कार्रवाई में देरी की है, जबकि 2021-22 में ही नायब तहसीलदार द्वारा मस्जिद निर्माण में गड़बड़ियों की रिपोर्ट दी गई थी।

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मस्जिद कमेटी की प्रतिक्रिया:

मस्जिद कमेटी के सचिव दिलशाद अली का कहना है कि यदि गायत्री बाल मंदिर ट्रस्ट या कोरी परिवार को कोई आपत्ति है, तो वे सामने आकर दस्तावेज दिखाएं। उन्होंने सवाल उठाया कि ट्रस्ट का कोई भी प्रतिनिधि सामने क्यों नहीं आ रहा है और सारा ठेका विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने क्यों ले रखा है? उनका दावा है कि मस्जिद का निर्माण वैध है और इसका निर्णय कोर्ट के माध्यम से होगा, न कि किसी बाहरी दबाव से।

प्रशासन का रुख:

रांझी तहसील के एसडीएम रघुवीर सिंह मरावी ने आश्वासन दिया है कि विवादित स्थल का सीमांकन कराया जाएगा और कानून के दायरे में ही इस विवाद का समाधान किया जाएगा। उन्होंने सभी पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है।

विहिप के सवाल:

विहिप ने यह सवाल उठाया है कि अगर गायत्री बाल मंदिर से जुड़ा कोई व्यक्ति सामने नहीं आता है, तो क्या उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया जाएगा?प्रशासन ने अब तक क्यों कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जबकि मस्जिद निर्माण में गड़बड़ियों की रिपोर्ट पहले ही दी जा चुकी थी?

निष्कर्ष:

इस मामले में मस्जिद और मंदिर की जमीन के स्वामित्व को लेकर विवाद चल रहा है, जिसे कानूनी रूप से हल करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, विहिप और बजरंग दल के आक्रामक रुख और मस्जिद कमेटी के दावों के बीच प्रशासन को कानून के दायरे में रहते हुए दोनों पक्षों को शांतिपूर्ण समाधान देना होगा।

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