Congress se Istifa – जो ना माने बड़ों की सीख कटोरा लेकर मांगे भीख – काकोडिय़ा

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35 वर्षों की सेवा के बाद रामा ने दिया कांग्रेस से इस्तीफा

Congress se Istifaबैतूल 2003 में भैंसदेही विधानसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लडऩे वाले भीमपुर क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामा काकोडिय़ा ने भारी मन से कांग्रेस पार्टी एवं जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष पद से अलविदा(Congress se Istifa) कह दिया है। वायरल हो रहे इस अलविदा पत्र में संबोधन राजा साहब को है। संभवत: राजा साहब से मतलब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह के लिए है।

कल 16 अक्टूबर 2023 की तारीख के इस त्याग पत्र में रामा काकोडिय़ा ने अपनी राजनैतिक यात्रा की पूरी गाथा का उल्लेख कर दिया है। रामा काकोडिय़ा के अनुसार उन्होंने 1990 में कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी और 1994 में उन्हें जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया था लेकिन कांग्रेस के 19 में से 15 जिला पंचायत सदस्य होने के बावजूद मुझे असंतुष्ट कांग्रेसियों ने ही हरवा दिया था इसके बावजूद मैं पार्टी के साथ रहा। 2003 में मुझे कांग्रेस विरोधी लहर में टिकट मिली लेकिन मैं मात्र 10027 वोटों से चुनाव हार गया। लेकिन मुझे 2008 मेें प्रत्याशी नहीं बनाया और मैंने कांग्रेस प्रत्याशी धरमूसिंह सिरसाम के लिए गांव-गांव जाकर मेहनत करी और 411 मतों की बढ़त से चुनाव जितवाया।

इस बार मुझे पूरा भरोसा था कि पार्टी मुझे टिकट देगी। लेकिन मुझे एक बार फिर निराशा हाथ लगी। जबकि मैं केवल भैंसदेही क्षेत्र नहीं बल्कि पूरे जिले में सबसे वरिष्ठ और निष्ठावान कार्यकर्ता रहा हूं। मुझे तो मेरे बचपन के दोस्त और भाजपा के दिग्गज नेता कुंवर विजय शाह ने 1993 में भाजपा में शामिल होने का आफर दिया था लेकिन मैंने मना कर दिया। इसका दुष्परिणाम मैं ताउम्र भुगत रहा है। जो ना माने बड़ों की सीख, कटोरा लेकर मांगे भीख यही मेरे साथ बीत रहा है और अब मैं भीख नहीं मांगना चाहता हूं। इसलिए कांग्रेस पार्टी से भारी मन के साथ अलविदा हो रहा हूं।

इनका कहना…

जो पार्टी मुझे टिकट देगी उस पार्टी में जाऊंगा। कांग्रेस के समर्पण के कारण पहले भी कई पार्टियों के ऑफर आए थे जिन्हें मैंने ठुकरा दिया जिसका परिणाम मैं आज तक भुगत रहा हूं।

रामा काकोडिय़ा, पूर्व जिला पंचायत सदस्य, भीमपुर