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Congress Candidate – संभाग में कांग्रेस को महिला से परहेज

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नर्मदापुरम संभाग में भाजपा ने महिला नेत्री को दी टिकट

Congress Candidateबैतूल एक तरफ मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार और विशेषकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आधी आबादी महिलाओं को लेकर संवेदनशील हैं। अपने मुख्यमंत्रीत्व कार्यकाल में महिलाओं के लिए अनेक योजनाएं लेकर भाजपा सामने आई है जिसमें लाड़ली लक्ष्मी और अब लाड़ली बहना योजना ने महिलाओं के एक बड़े वर्ग को पार्टी से जोड़ दिया है।

इसी कड़ी में भाजपा ने यह प्रयास किया है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में भी प्रदेश के हर संभाग से एक महिला उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतार जाए। वहीं कांग्रेस ने भी महिलाओं को तो कई जगह टिकट दी है लेकिन नर्मदापुरम संभाग इससे अछूता रह गया है।

कांग्रेस ने संभाग में नहीं दिया महिलाओं को टिकट | Congress Candidate

नर्मदापुरम संभाग में तीन जिले शामिल हैं। इनमें बैतूल, हरदा और होशंगाबाद का नाम है। कांग्रेस ने 2023 के विधानसभा चुनाव में इन तीनों जिले की घोषित सभी 11 विधानसभा सीटों में एक भी महिला उम्मीदवार पर भरोसा नहीं किया है।

कांग्रेस ने होशंगाबाद जिले के होशंगाबाद सीट से गिरिजा शंकर शर्मा, सोहागपुर से पुष्पराज सिंह, पिपरिया से वीरेंद्र बेलवंशी और सिवनी मालवा से अजय पटेल को वहीं बैतूल जिले के भैंसदेही से धरमूसिंह, घोड़ाडोंगरी से राहुल उइके, बैतूल से निलय डागा, मुलताई से सुखदेव पांसे, आमला से मनोज मालवे और हरदा जिले के हरदा से रामकिशोर दोगने एवं टिमरनी से अभिजीत शाह को टिकट दी है। इनमें एक भी महिला प्रत्याशी नहीं है।

भाजपा ने फिर जताया महिला पर विश्वास

घोड़ाडोंगरी विधानसभा सीट से 2018 में भाजपा ने गीता उइके को टिकट दी थी। लेकिन वो चुनाव हार गई थी। इसके बावजूद पुन: इसी सीट से भाजपा ने क्षेत्र की प्रभावशाली महिला नेत्री गंगाबाई उइके को चुनाव मैदान में उतारा है। बाकी चार सीटों पर भाजपा ने पुराने उम्मीदवारों पर ही भरोसा जताया है जिनमें बैतूल से हेमंत खण्डेलवाल, मुलताई से चंद्रशेखर देशमुख, भैंसदेही से महेंद्र सिंह चौहान, आमला से डॉ. योगेश पंडाग्रे को टिकट दी है।

आमला-घोड़ाडोंगरी से महिला दावेदार हुई निराश | Congress Candidate

पूर्व प्रशासनिक अधिकारी निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार करने में राज्य सरकार ने जितना लंबा समय लगाया उतनी ही निशा बांगरे सुर्खियों में रही। यहां तक की कांग्रेस ने 230 में से 229 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी। लेकिन निशा बांगरे के इस्तीफा का इंतजार करते हुए आमला सीट होल्ड पर रखी।

23 अक्टूबर को देर शाम निशा बांगरे का इस्तीफा स्वीकार हुआ लेकिन 23 अक्टूबर को ही इसी समय कांग्रेस हाईकमान ने आमला से 2018 में चुनाव हारे मनोज मालवे को टिकट दे दी। जबकि निशा बांगरे को कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने न्यायालीन लड़ाई लडऩे के लिए हाईकोर्ट जबलपुर और सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में बड़े वकीलों की व्यवस्था तक करवाकर दी थी। आमला से महिला नेत्री मोनिका निरापुरे, सीमा अतुलकर भी गंभीर दावेदार थी। वहीं घोड़ाडोंगरी से जिला कांग्रेस ग्रामीण की अध्यक्ष पुष्पा पेंद्राम के भी मजबूत दावे की अनदेखी की गई।

अंतत: कांग्रेस को हो सकता है नुकसान

मध्यप्रदेश में घोषित 230 उम्मीदवारों में से कांग्रेस ने आज तक 7 उम्मीदवारों की टिकट बदल दी है। लेकिन राजनैतिक हल्कों में यह संभावना व्यक्त की जा रही थी कि 8 वीं सीट आमला सीट भी बदली जाएगी। लेकिन आज 5 में से 4 प्रत्याशी बदल दिए गए हैं लेकिन इनमें आमला प्रत्याशी का नाम नहीं था। अब यह संभावना व्यक्त की जा रही है कि आमला से मनोज मालवे ही कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी रहेंगे।

इस स्थिति में निशा बांगरे क्या स्टेप लेंगी फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है लेकिन यह तय है कि वे 2023 का विधानसभा चुनाव लड़े बिना नहीं मानेंगी। पार्टी कांग्रेस होगी या कोई और नहीं तो निर्दलीय भी चुनाव लड़ सकती है। इस स्थिति में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है। वहीं कांग्रेस यदि टिकट बदलकर निशा बांगरे को लड़वाती है तो कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी मनोज मालवे की होने वाली संभावित नाराजगी का कांग्रेस को कितना नुकसान होगा इसका भी अभी आंकलन नहीं किया गया जा सकता है।

कमलनाथ के सर्वे में खोट है: सीमा | Congress Candidate

आमला सीट पर पिछले कई चुनावों से कांग्रेस टिकट की गंभीर दावेदार रही फायर ब्रांड नेता सीमा अतुलकर का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ को संबोधित करते हुए कहा कि मैं 35 साल से आपके दरबार में जा रही हूं, हाजिरी लगा रही हूं।

कांग्रेस महिला सशक्तिकरण की बात करती है। लेकिन बैतूल जिले मेंं महिलाओं को एक भी टिकट नहीं दी है। पढ़ी-लिखी महिला को टिकट देना चाहिए था। आपके सर्वे रिपोर्ट में खोट है वह आने वाला समय बताएगा। महिलाओं को टिकट नहीं देना एक तरह से महिलाओं के साथ अन्याय है।

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