Search ई-पेपर ई-पेपर WhatsApp

BJP : उम्र का बंधन, कई वरिष्ठ नेता बैठ सकते हैं घर   

By
On:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का 2014 के बाद से ही यह प्रेस रहा है की भाजपा में हर स्तर पर नए नेतृत्व को आगे लाना है और इसके लिए पहले संगठन में अलग लग पदों के लिए उम्र का बंधन लाया गया और इसके चलते पिछले 8 वर्षों में अब प्रदेश और जिलों में बड़े स्तर पर नए नेताओं को आगे आने का अवसर मिला है जिनमे युवाओं की बड़ी संख्या है।

इसके बाद  पार्टी ने विभिन्न मंत्री मंडलो में मंत्रियों के मनोनयन में भी आयु निश्चित की और कई वरिष्ठ विधायकों को मंत्री मंडल से बहार होना पड़ा लेकिन इन नेताओं का असंतोष सामने नहीं आया मिली जानकारी के अनुसार अब  भाजपा में भविष्य में  विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए 70 वर्ष से अधिक आयु वाले नेताओं को चुनाव मैदान में उतारने से पहले विभिन्न पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा

लेकिन मध्यप्रदेश की बात करें तो  भाजपा के उम्रदराज नेता सत्ता का मोह छोड़ पाएंगे या नहीं, यह तो भविष्य तय करेगा, लेकिन अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का टिकट मिलना मुश्किल लग रहा है। दरअसल, पार्टी के कई नेता BJP के 70 प्लस वाले फॉर्मूले में फिट नहीं हैं। लिहाजा उन्हें टिकट मिलने में दिक्कत आ सकती है। पार्टी इन्हें चुनावी मैदान में उतारने में हिचकिचा सकती है। 

मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, दो कैबिनेट मंत्री और पार्टी के लगभग 13 विधायक अगले साल होने वाले चुनाव के दौरान 70 वर्ष की आयु पूरी कर चुके होंगे। पार्टी ने टिकट देने के लिए एक फॉर्मूला तय कर रखा है। इसके तहत 70 साल से अधिक की उम्र के नेताओं को टिकट नहीं देने का मापदंड फिक्स है।

ऐसे में PWD मंत्री गोपाल भार्गव और कांग्रेस से बीजेपी में शामिल हुए बिसाहूलाल साहू भी टिकट के हकदार नहीं हैं। ये दोनों शिवराज सरकार की कैबिनेट में उम्रदराज मंत्री हैं। ये आगामी चुनाव में उतरने के लिए टिकट की मांग कर सकते हैं। इनके अलावा 2023 तक कई और मंत्री और विधायक 70 पार होजाएंगे जिनमे विद्यानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम, अजय विश्नोई , सीतासरण शर्मा , गौरी शंकर बिसेन , पारस जैन , महेंद्र हार्डिया , नागेंद्र सिंह , जैसिंह मरावी , गोपीलाल जाटव का नाम भी शामिल है।      

पिछला चुनाव हार गए थे कई उम्रदराज नेता

कई ऐसे नेता भी हैं जो पिछले चुनाव में हार चुके हैं, लेकिन एक बार फिर अगले चुनाव के लिहाज से अपने क्षेत्रों में सक्रिय हैं। इन नेताओं में उमाशंकर गुप्ता, रामकृष्ण कुसमारिया, हिम्मत कोठारी और रुस्तम सिंह भी टिकट के लिए दावेदारी कर सकते हैं, लेकिन चुनाव तक इन सभी की आयु 70 के पार हो जाएगी। हाल ही में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के परिणामों में भी इस फॉर्मूले का गहरा असर पड़ा है। ऐसे में अब मप्र के दिग्गज नेताओं को चुनावी मैदान से बाहर होने का डर सताने लगा है। चुनाव आने पर पार्टी इनको रिटायर कर सकती है।

(साभार)

For Feedback - feedback@example.com

Related News

Leave a Comment

Home Icon Home E-Paper Icon E-Paper Facebook Icon Facebook Google News Icon Google News