Bhains Ki Nasl – किसानों को मालामाल बनाएगी भैंस की ये पांच नस्लें 

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यहाँ जाने दूध देने की क्षमता और कीमत 

Bhains Ki Naslग्रामीण क्षेत्र में किसान न केवल खेती से प्राप्ति करते हैं, वे अक्सर पशुपालन भी अपनाते हैं। अगर आप एक किसान हैं और खेती के साथ-साथ पशुपालन को भी महत्व देते हैं, तो आपके लिए एक महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती है। हम आपको भैंस की प्रमुख 5 दुधारू प्रजातियों के बारे में जानकारी देंगे। इन प्रमुख प्रजातियों की विशेषताएं और मूल्य को जानने के लिए इस लेख को पढ़ें।

मराठवाड़ी नस्ल की भैंस ,

बन्नी नस्ल की भैंस  ,

धारवाड़ी नस्ल की भैंस   ,

मुर्रा नस्ल की भैंस   ,

जाफरावादी नस्ल की भैंस   

मराठवाड़ी नस्ल | Bhains Ki Nasl 

की भैंस मराठवाड़ी भैंस का दूध विविध आयुर्वेदिक गुणों से सम्पन्न होता है, इसके कारण इसकी दूध की मूल्य बाजार में उच्च होती है। यह नस्ल महाराष्ट्र के कई जिलों में पाई जाती है, जैसे कि बीड, परभणी, जालना, नांदेड़, लातूर और उस्मानाबाद। इसकी दूध उत्पादन क्षमता 300 से 400 लीटर के बीच होती है।

समानतः, यह भैंस सालाना 1120 से 1200 लीटर तक दूध देती है। इसके चलते, भारतीय किसानों के लिए मराठवाड़ी भैंस डेयरी फार्मिंग के लिए प्रेरणास्पद विकल्प हो सकती है। मराठवाड़ी भैंस के लिए विशेष चारे की जरूरत नहीं होती, और इसकी कीमत आमतौर पर 50,000 रुपए से 80,000 रुपए के बीच में होती है।

बन्नी नस्ल की भैंस 

बन्नी नस्ल की भैंस अधिकतर गुजरात राज्य, विशेष रूप से कच्छ जिले में पाई जाती है। कच्छ जिले की इस भैंस की अधिकता के कारण उसे ‘कच्छी भैंस’ भी कहा जाता है। इस भैंस को ‘मालधारी’ जनजाति के लोगों की रीढ़ के रूप में भी पहचाना जाता है। नर बन्नी भैंस का वजन 525 से 562 किलोग्राम होता है, जबकि मादा बन्नी भैंस का वजन 475 से 575 किलोग्राम के बीच में रहता है।

बन्नी भैंस एक बार में 6000 लीटर तक दूध दे सकती है, और इसे दिन में लगभग 20 लीटर तक दूध देने की क्षमता होती है। इस भैंस की खरीददारी की कीमत आमतौर पर किसानों को 1 लाख से 3 लाख रुपए के बीच में मिलती है। इस नस्ल की भैंस का मुख्य उपयोग दुग्ध उत्पादन के लिए होता है, और डेयरी व्यवसाय में इसे उत्कृष्ट माना जाता है।

धारवाड़ी नस्ल की भैंस | Bhains Ki Nasl   

इस भैंस की परंपरा बहुत पुरानी है। धारवाड़ी नस्ल की यह भैंस, विशेष रूप से कर्नाटक और पास के इलाकों में मिलती है। इसे कर्नाटक के जैसे जिलों में जैसे बागलकोट, बेलगाम, दहरवाड, गडग, बेलारी, बीदर, विजयपुरा, चित्रदुर्ग, कलबुर्गी, हावेरी, कोपल, रायचूर, और यादगिट में देखा जा सकता है। इसे खासकर दूध के लिए पाला जाता है क्योंकि यह एक दूधारू नस्ल है।

यह भैंस सामान्यत: 972 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है, लेकिन अगर इसे उत्तम देखभाल मिले तो यह 1500 लीटर तक दूध दे सकती है। इस भैंस की विशेषता है कि यह दिन में 3 से 8 लीटर दूध दे सकती है और इसका दूध पेड़े की खेती में उपयोग होता है। इसके दूध से उत्पन्न पेड़ों पर जीआई टैग भी लगा हुआ है। किसानों को इस भैंस की कीमत आमतौर पर 60 से 90 हजार रुपए के बीच में मिलती है।

मुर्रा नस्ल की भैंस   

मुर्रा भैंस एक उत्कृष्ट नस्ल के रूप में प्रसिद्ध है और इसकी दूध उत्पादन क्षमता के कारण यह देशव्यापी रूप से पसंदीदा है। इसी कारण बहुत से पशुपालक इसे चुनते हैं, जिससे उन्हें अधिक लाभ होता है। मुर्रा भैंस की नींव हरियाणा और पंजाब के क्षेत्रों से है।

इसकी विशेषताओं में से एक है कि इसकी गर्भावस्था लगभग 310 दिन की होती है। अगर इसे ठीक से देखभाल किया जाए, तो यह प्रतिदिन 20 से 30 लीटर दूध उत्पन्न कर सकती है। जब बात कीमत की होती है, तो मुर्रा भैंस की लागत 50 हजार से लेकर 2 लाख रुपये तक विभिन्न हो सकती है।

जाफरावादी नस्ल की भैंस | Bhains Ki Nasl

जाफराबादी भैंस की जन्मस्थली गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र से है। इस भैंस की विशेषता यह है कि इसे भैंसों का ‘बाहुबली’ भी कहा जाता है इसलिए कि इसकी भारी और प्रभावशाली दिखावट होती है। जाफराबादी भैंस का वजन उतना ही प्रभावशाली होता है। दूध उत्पादन के क्षेत्र में काम करने वाले इसे सोने की तरह मूल्यांकित करते हैं, क्योंकि इसकी दैनिक दूध उत्पादन क्षमता 20 से 30 लीटर तक होती है।

जब बात इसकी प्रमुखताओं की होती है, तो एक साल में यह भैंस 1800 से 2000 लीटर तक दूध प्रस्तुत कर सकती है। इसका सामान्य वजन 750 से 1000 किलोग्राम के बीच होता है। इसे ‘Top 5 breeds of buffalo’ में शामिल किया जाता है, और इसकी अधिक दूध उत्पादन क्षमता के कारण इसकी मूल्य बाजार में उच्च होती है। इसकी बाजारी मूल्य 90 हजार से 2.5 लाख रुपये तक की रह सकती है।

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