पार्टी ने सर्वाधिक 6 बार उतारा मैदान में
Betul Politics – बैतूल – जिले के चुनावी इतिहास में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित भैंसदेही विधानसभा सीट ऐसी सीट है जहां भाजपा ने एक ही परिवार की तीन पीढिय़ों को चुनाव मैदान में उतारा और तीनों ही दादा, पिता और पुत्र इस चुनावी समर में सफल भी हुए और असफल भी। लेकिन बैतूल जिले के 70 साल के इतिहास में जिले में भाजपा की टिकट पर चार बार विधानसभा पहुंचने का रिकार्ड सिर्फ महेंद्र सिंह चौहान के नाम है। वहीं एक रिकार्ड और भी इनके नाम दर्ज है कि पार्टी ने सर्वाधिक 6 बार इस उम्मीदवार पर विश्वास जताया है।
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1998 से शुरू हुई चुनावी यात्रा | Betul Politics
भैंसदेही विधानसभा सीट से 1998 में पहली बार नए उम्मीदवार के रूप में महेंद्र सिंह चौहान को भाजपा ने विधानसभा का उम्मीदवार बनाया और अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ रहे महेंद्र सिंह चौहान ने इस चुनाव में लगभग 7 हजार वोटों से कांग्रेस के सीटिंग एमएलए गंजनसिंह कुमरे को पराजित किया था। इसके बाद 2003 में भी यही स्थिति रही और महेंद्र सिंह 10 हजार वोटों से चुनाव जीत गए। 2008 में पराजित होने के बावजूद पार्टी ने 2013 में फिर टिकट दी और लगभग 13 हजार वोटों से धरमूसिंह को पराजित कर तीसरी बार विधायक बने। लेकिन 2018 में फिर एक बार महेंद्र सिंह असफल हुए और सक्रिय राजनीति से दूर दिखाई देने लगे। लेकिन अचानक पार्टी ने 2023 के अगस्त माह में महेंद्र सिंह की उम्मीदवारी घोषित कर दी जिसको लेकर असंतोष सामने आया लेकिन अंतत: महेंद्र सिंह पुन: 8230 वोटों से चौथी बार विधायक निर्वाचित हुए।
इस तरह से जिले के चुनावी इतिहास में भाजपा की ओर से सर्वाधिक 6 बार चुनाव लडऩे वाले और सर्वाधिक चार बार जीतने का रिकार्ड इस चुनाव तक सिर्फ महेंद्र सिंह चौहान के नाम दर्ज हो गया है।
कांग्रेस से महाजन का नहीं टूटा रिकार्ड | Betul Politics
1972 में निर्दलीय और उसके बाद कांग्रेस की तरफ से 1977, 1980, 1985 और 1993 में चार बार चुनाव जीतने का रिकार्ड रामजी महाजन के नाम दर्ज है। वहीं 1990 और 1998 में चुनाव हारने के बावजूद लगातार 6 बार कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडऩे का रिकार्ड भी रामजी महाजन के नाम से ही दर्ज है। और 1998 में बना यह रिकार्ड 25 वर्षों बाद भी कांग्रेस का कोई प्रत्याशी नहीं तोड़ पाया है।
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