Betul Politics – दो दिग्गज मंत्रियों को हराने का रिकार्ड चंद्रशेखर के नाम

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मुलताई विधानसभा से जीत का रिकार्ड भी बनाया

Betul Politics70 साल में बैतूल जिले की चुनावी राजनीति में कांग्रेस के दो-दो दिग्गज मंत्रियों को हराने का श्रेय मुलताई के लो प्रोफाईल में रहकर राजनीति करने वाले चंद्रशेखर देशमुख के नाम दर्ज हो गया है। इसी तरह से मुलताई विधानसभा सीट से इन्हीं 70 सालों में सर्वाधिक अंतर से चुनाव जीतने का रिकार्ड भी श्री देशमुख के नाम से 2013 से ही दर्ज है। इसी तरह से चंद्रशेखर देशमुख के नाम से यह भी रिकार्ड दर्ज हो गया है कि उन्होंने कांग्रेस के इन दोनों दिग्गज मंत्रियों को जिले की दो अलग-अलग विधानसभाओं से पराजित किया है।

यह रिकार्ड तो जिले में किसी अन्य नेता के नाम वैसे भी दर्ज नहीं है। चंद्रशेखर देशमुख की गिनती जिले के ऐसे नेताओं में भी हो रही है जो रिकार्ड मतों से चुनाव जीतने के बावजूद अगले चुनाव में पार्टी टिकिट से वंचित हो जाते हैं और पार्टी इनके स्थान पर जिसको मैदान में उतारती है उनकी कांग्रेस प्रत्याशी के सामने करारी हार होती है।

श्री देशमुख को 2018 में टिकिट नहीं मिलने के बाद अगले पांच वर्षों तक उन्होंनेे भाजपा की राजनीति में गुमनामी की तरह अपना समय बिताया है, यहां तक कि जिला पंचायत के चुनाव में उनके समर्थक को वार्ड क्रमांक 14 से पार्टी ने समर्थन तक नहीं दिया था, इसके बावजूद स्वच्छ छवि और जिले की राजनीति में गुटिय समीकरणों से दूर श्री देशमुख की छवि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान की नजरों में सबसे अच्छी थी।

इसी के चलते इस चुनाव में कई दिग्गजों द्वारा टिकिट का दावा करने के बावजूद तीन महीने पहले ही श्री देशमुख को पार्टी ने अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया था।

हाई प्रोफाईल थी महाजन की राजनीति | Betul Politics

1972 में मासोद विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में निर्वाचित रामजी महाजन इसके बाद कांग्रेस की टिकिट पर 1977, 1980, 1985 और 1993 में लगातार विधायक निर्वाचित हुए और दो बार अर्जुन सिंह सरकार और फिर दिग्विजय सिंह सरकार में पावरफुल कैबिनेट मंत्री रहे। अर्जुन सिंह ने तो इन्हें पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष भी बनाया था, बाद में राज्य शासन ने रामजी महाजन के नाम से पुरस्कार भी देना शुरू किया है। जिले में रामजी महाजन जैसा कद किसी और निर्वाचित विधायक का नहीं रहा क्योंकि श्री महाजन कई बार मंत्री भी बनाए गए थे।

1998 में महाजन को हार भारी पड़ी

लगातार मासोद सीट से चुनाव जीत रहे रामजी महाजन वैसे तो 1990 में भी पराजित हुए थे, लेकिन इसके बाद 1993 में दोबारा निर्वाचित होकर दिग्विजय सिंह सरकार में पुन: मंत्री बने, लेकिन अपने जीवन का पहला चुनाव लड़ रहे भाजपा के चंद्रशेखर देशमुख 1998 के चुनाव में रामजी महाजन पर भारी पड़ गए और उन्होंने लगभग डेढ़ हजार मतों से रामजी महाजन को पराजित किया। इस तरह से कांग्रेस के पहले दिग्गज मंत्री को युवा नेता चंद्रशेखर ने घर बैठा दिया। बस इसी के बाद रामजी महाजन की राजनीति का अंत हो गया और कुछ समय बाद अस्वस्थ होने के चलते उनका दुखद निधन हो गया।

सुखदेव पांसे भी लगातार लड़ रहे चुनाव | Betul Politics

2003 में मासोद से ही कांग्रेस की टिकिट पर पहली बार सुखदेव पांसे विधायक निर्वाचित हुए उसके बाद पुन: 2008 में मासोद सीट समाप्त होने के बाद मुलताई से कांग्रेस की टिकिट पर ही चुनाव जीते। 2013 में मुलताई सीट से चुनाव हारने के बाद पुन: 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने सुखदेव पर भरोसा जताया और वे चुनाव जीते और चुनाव जीतते ही कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में पावरफुल कैबिनेट मंत्री बने और कमलनाथ के गृह जिले छिंदवाड़ा के प्रभारी मंत्री भी बनाए गए।

पांसे पर भी भारी पड़े देशमुख

2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकिट पर मुलताई सीट से चंद्रशेखर देशमुख ने 32 हजार वोटों के बड़े अंतर से पहली बार सुखदेव पांसे को पराजित किया था। इसके बाद 2018 में भाजपा ने श्री देशमुख को टिकिट नहीं दी लेकिन 2023 के इस विधानसभा चुनाव में चंद्रशेखर देशमुख को मैदान में उतारा गया और उन्होंने सुखदेव पांसे को 14 हजार 842 मतों से पराजित किया। इस तरह से चंद्रशेखर देशमुख के नाम क्षेत्र के दोनों दिग्गज मंत्रियों को हराने का रिकार्ड बन गया है जो जिले की किसी और नेता के नाम नहीं है।

बड़ी जीत का रिकार्ड भी देशमुख के नाम

मुलताई विधानसभा सीट से 1952 से आज 2023 तक सर्वाधिक अंतर से जीतने का रिकार्ड भी चंद्रशेखर देशमुख के नाम 2013 में ही दर्ज हो गया था जब उन्होंने लगभग 32 हजार वोटों से कांग्रेस के सुखदेव पांसे को हराया था। इसके पहले सुखदेव पांसे भी 2018 के चुनाव में राजा पवार से 17 हजार 250 वोटों से चुनाव जीते थे। लेकिन यह लीड भी चंद्रशेखर की जीत के रिकार्ड को नहीं तोड़ पाई थी। इसके पहले अन्य चुनाव में भी इस सीट से हार-जीत का अंतर 5 से 10 हजार के बीच ही रहा है।

दो विस से दो मंत्रियों को हराया | Betul Politics

चंद्रशेखर देशमुख के नाम यह भी रिकार्ड दर्ज हो गया है कि उन्होंने अलग-अलग विधानसभाओं से चुनाव लड़कर दोनों बार दिग्गज मंत्रियों को पराजित किया है। 1998 में मासोद से मंत्री रामजी महाजन को और 2023 में मुलताई से मंत्री सुखदेव पांसे को हराया है।